आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, 26 हजार वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर की आवाज बुलंद, आंदोलन की दी चेतावनी

- Nownoida editor1
- 01 May, 2025
Noida: आंगनबाड़ी संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश के बैनर तले राज्य भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में नोएडा में वेतन वृद्धि, प्रमोशन आदि को लेकर लेकर आंगनबाड़ी महिलाओं ने प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने न्यूनतम वेतन 26000 करने की मांग की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा।
2G फोन देकर 5G वाला काम करवा रहे
प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि 2G फोन देकर 5G वाला काम करवाते हैं। पिछले 2 साल से फोन के रिचार्ज नहीं किए गए। महिलाओं ने कहा कि ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट होने के बाद भी 6000 रुपये तनख्वाह मिलती है। जिसमें किराया भाड़े आदि वेतन से खर्च हो जाता है। आंगनबाड़ी महिलाओं ने कहा कि मोदी जी तत्काल प्रभाव से मांगों को माने नहीं तो देशव्यवापी हड़ताल करेंगे।
बिना संसाधन के ऑनलाइन कार्य के लिए किया जा रहा बाध्य
गौरतलब है कि दोपहर 1 बजे से हर जिले के मुख्यालयों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए पदोन्नति, भर्ती, ऑनलाइन कार्य और डिजिटल रिपोर्टिंग जैसे मुद्दों के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की। संयुक्त मोर्चा की ओर से बताया गया कि सरकार ICDS (समेकित बाल विकास सेवा) की मूल संरचना को कमजोर कर रही है। बिना संसाधन, नेटवर्क और उपकरणों के ऑनलाइन काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इसके चलते कार्यकर्ताओं पर अतिरिक्त मानसिक और आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
कोर्ट के आदेश के बावजूद थोपा जा रहा तकनीकी कार्य
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट की स्पष्ट टिप्पणियों के बावजूद राज्य सरकार जबरन तकनीकी कार्य थोप रही है। डिजिटल काम जैसे KYC, आधार फीडिंग, मोबाइल ऐप अपडेट जैसे कार्य बिना प्रशिक्षण और उपकरणों के करवाए जा रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान मोर्चा की ओर से "एडहॉक" नियुक्तियों को रोकना, 3-6 वर्ष के बच्चों की स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी से आंगनबाड़ी कर्मियों को मुक्त करना, और सभी ऑनलाइन कार्यों के लिए उचित संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की। मोर्चा की सचिव ने कहा कि यह स्थिति पूरी तरह से अन्यायपूर्ण और शोषणकारी है। कार्यकर्ता वर्षों से गरीब, वंचित और पिछड़े तबकों की सेवा कर रही हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है। अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो राज्य भर में व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन और सरकार की होगी।
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