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Pakistan की हठधर्मिता: अटारी बॉर्डर पर नहीं खोल रहा गेट, दोनों ओर नागरिक फंसे, अब क्या होगा? यहां पढ़ें

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अमृतसर। अटारी बॉर्डर पर भारत सरकार की अनुमति के बावजूद पाकिस्तान की हठधर्मिता सामने आई है। भारत ने जहाँ मानवीय आधार पर पाकिस्तान के नागरिकों को उनके वतन लौटने की अनुमति दे दी है, वहीं पाकिस्तान सरकार की ओर से बॉर्डर के गेट अब तक नहीं खोले गए हैं। इससे न सिर्फ पाकिस्तान से लौटने की उम्मीद लगाए बैठे पाकिस्तानी नागरिक असमंजस में हैं, बल्कि दोनों देशों के इमिग्रेशन अधिकारी भी असहाय नजर आ रहे हैं।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। इसके बीच भारत सरकार ने 1 मई को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया, जिसमें अटारी बॉर्डर से व्यापार और नागरिक आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई। हालांकि, सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पाकिस्तान के फंसे नागरिकों को वापस जाने की अनुमति दी, बशर्ते उनके पास वैध यात्रा दस्तावेज हों।

लेकिन पाकिस्तान ने इस निर्णय का सम्मान करने की बजाय गेट न खोलकर एक तरह से मानवाधिकारों की अवहेलना की है। सुबह से लेकर देर शाम तक पाकिस्तानी नागरिक गाड़ियों में बैठे रहे, उन्हें उम्मीद थी कि गेट खुलेंगे और वे अपने घर लौट पाएंगे। कई महिलाएं तो रोती हुई नजर आईं और उन्होंने बीएसएफ अधिकारियों से गुहार लगाई कि उन्हें पाकिस्तान भेजा जाए। उन्होंने कहा कि वे खुद पाकिस्तान के इमिग्रेशन अधिकारियों से बात कर गेट खुलवा लेंगी, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रोटोकॉल के तहत दोनों देशों के इमिग्रेशन काउंटर एकसाथ चालू होने चाहिए।

स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई पाकिस्तानी नागरिक हताश होकर अमृतसर की ओर वापस लौट गए। उन्होंने कहा कि वे रात किसी होटल में गुजारेंगे और अगली सुबह फिर प्रयास करेंगे। फिलहाल बीएसएफ और भारतीय इमिग्रेशन अधिकारी पाकिस्तान की तरफ से गेट खोले जाने का इंतजार कर रहे हैं ताकि प्रक्रिया आगे बढ़ सके।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि भले ही व्यापार और अन्य नागरिक आवाजाही फिलहाल बंद हो, लेकिन पाकिस्तान के वैध वीजा धारकों और अन्य ज़रूरी दस्तावेजों से लैस लोगों को वापस लौटने में कोई रोक नहीं होगी। इसके तहत अटारी बॉर्डर से पाकिस्तानी नागरिक तब तक अपने देश लौट सकते हैं, जब तक अगला आदेश जारी न हो।

फिलहाल स्थिति यह है कि सीमा पर अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। एक तरफ भारत ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए नागरिकों को राहत दी है, वहीं पाकिस्तान की चुप्पी और अड़ियल रवैया कई सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे हालात न केवल कूटनीतिक तनाव को बढ़ावा देते हैं, बल्कि आम नागरिकों की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं।

अब देखना यह है कि पाकिस्तान कब तक अपने नागरिकों को राहत देता है और सीमा पर चल रहे इस अनिश्चित इंतजार का अंत कब होगा।

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