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PM Modi की चेतावनी का दिखा असर, पाकिस्तान पर कार्रवाई हो सकती है भयंकर, ये रहा सबूत

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह सवाल अहम हो गया है कि भारत की अगली सैन्य कार्रवाई का निशाना कौन होगा?
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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह सवाल अहम हो गया है कि भारत की अगली सैन्य कार्रवाई का निशाना कौन होगा? अब तक माना जाता रहा है कि भारत की जवाबी स्ट्राइक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी लॉन्च पैड्स पर होगी, लेकिन हालिया घटनाक्रम और खुफिया एजेंसियों के इनपुट्स इशारा कर रहे हैं कि अगली बड़ी कार्रवाई पंजाब प्रांत के मुरीदके शहर में हो सकती है, जहां लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय स्थित है।

मुरीदके: आतंकी हमलों की फैक्ट्री

लाहौर के नजदीक स्थित मुरीदके न सिर्फ लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ है, बल्कि यह जमात-उद-दावा के नाम से एक सामाजिक संगठन का चोला पहन कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाला मुख्य केंद्र भी है। बीते दो दशकों में 26/11 मुंबई हमला, पठानकोट एयरबेस हमला और हालिया पहलगाम आतंकी हमला जैसे बड़े ऑपरेशन यहीं से प्लान किए गए। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, हाफिज सईद, सैफुल्लाह, हाशिम मूसा और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की यहां नियमित आवाजाही होती है। ऐसे में मुरीदके को लश्कर की ‘ऑपरेशनल रीढ़’ कहा जाए तो गलत नहीं होगा।

एनआईए जांच से मिले ठोस संकेत

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच कर रही एनआईए ने खुलासा किया है कि इस हमले की योजना फरवरी में रावलकोट (PoK) में बनाई गई थी और मार्च में मुरीदके में हुई बैठक में इसे अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और हमास के आतंकी, ISI अधिकारी और पाक सेना के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। यहीं से तलाह भाई और हाशिम मूसा को हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जो यह साबित करता है कि मुरीदके अब सिर्फ ट्रेनिंग कैंप नहीं, बल्कि टॉप-लेवल स्ट्रैटेजिक हब बन चुका है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति की 'लादेन मॉडल' सलाह

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने हाल ही में दिए एक बयान में भारत को सलाह दी कि उसे पाकिस्तान से खुले युद्ध की बजाय आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारने की रणनीति अपनानी चाहिए, जैसा अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के मामले में किया था। यह बयान इस ओर संकेत करता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की ‘टारगेटेड हिट’ नीति को समर्थन मिल रहा है, खासकर तब जब टारगेट लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूह हों।

पीएम मोदी का सख्त संदेश

हाल ही में बिहार की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, "आतंकी जहां कहीं भी हैं, उन्हें मिट्टी में मिला देंगे।" इस बयान को रणनीतिक भाषा में देखें तो यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब सिर्फ सीमापार के लॉन्च पैड्स को नहीं, बल्कि पूरे आतंकी नेटवर्क की रीढ़ पर हमला करने की तैयारी में है। यानी अगली कार्रवाई 'सर्जिकल स्ट्राइक' से आगे बढ़कर 'सिस्टमेटिक डैमेज' की नीति का हिस्सा हो सकती है।

क्या अगला वार मुरीदके पर होगा?

इन सभी संकेतों को जोड़कर देखें तो यह संभावना मजबूत होती जा रही है कि भारत की अगली सैन्य कार्रवाई का पहला लक्ष्य मुरीदके हो सकता है। यह हमला न केवल लश्कर-ए-तैयबा की कमर तोड़ने वाला कदम होगा, बल्कि एक कड़ा संदेश भी देगा कि अब भारत केवल हमलों का जवाब नहीं देगा, बल्कि आतंक के मूल स्रोत को खत्म करेगा। पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों की मुरीदके पर बढ़ी गतिविधि और PoK से बंकर खाली कराए जाने की रिपोर्ट्स भी इस ओर इशारा कर रही हैं कि भारत का अगला प्रहार किसी भी समय गिर सकता है—इस बार सीधे आतंक की जड़ पर।

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