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Mahakumbh में आई 'वायरल साध्वी' पर क्यों भड़के शंकराचार्य, पढ़ें एक क्लिक में

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प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में सोशल मीडिया सेंसेशन बनीं साध्वी हर्षा रिछारिया को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने साध्वी हर्षा के शाही रथ पर बैठने को अनुचित करार दिया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में चेहरों की सुंदरता नहीं, बल्कि हृदय की पवित्रता मायने रखती है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती नाराज 
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि महाकुंभ में इस तरह की परंपरा शुरू करना विकृत मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अभी यह तय नहीं कर सका है कि उसे संन्यास लेना है या शादी करनी है, उसे संतों के शाही रथ पर जगह देना उचित नहीं है। शंकराचार्य ने यह भी कहा कि भगवा वस्त्र सिर्फ संन्यासियों के लिए होते हैं और उन्हें पहनने का हक उन्हीं को है, जो सनातन धर्म के प्रति पूर्ण समर्पण रखते हैं।


महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज की शिष्या है हर्षा 
मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हर्षा रिछारिया, निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज की शिष्या हैं। हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के रूप में भी जानी जाती हैं। हाल ही में उनके इंस्टाग्राम फॉलोअर्स की संख्या अचानक बढ़कर 1 मिलियन हो गई। उनकी तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें महाकुंभ 2025 की सबसे खूबसूरत साध्वी के रूप में देखा जा रहा है।

हर्षा रिछारिया का कहना है कि उन्होंने सुकून की तलाश में दो साल पहले अध्यात्म की ओर रुख किया और संन्यास का मार्ग चुना। इससे पहले वे एंकरिंग और ट्रैवल ब्लॉगिंग करती थीं। हालांकि, अब वे अध्यात्म में ही सुकून पा रही हैं और सोशल मीडिया पर अपने धार्मिक विचार साझा करती हैं।

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