Milkypur सीट पर दौड़ेगी 'साइकिल' या खिलेगा 'कमल', पढ़ें क्या है विधानसभा का सियासी समीकरण

- Nownoida editor1
- 16 Jan, 2025
आगामी मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चंद्रभानु पासवान को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. पासवान के चयन ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को जन्म दे दिया है. उनकी आरएसएस पृष्ठभूमि और गुजरात से जुड़ाव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें एक मजबूत दावेदार माना है.
चंद्रभानु पासवान
चंद्रभानु पासवान बीजेपी के एक प्रमुख नेता हैं, जिनका पार्टी में लंबे समय से जुड़ाव है. चंद्रभानु पासवान रूदौली कस्बे से सटे हुए गांव परसौली के रहने वाले हैं. चंद्रभानु अयोध्या में बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य हैं. चंद्रभानु पासवान के पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं. साथ ही, कारोबार के सिलसिले में उनका गुजरात कनेक्शन भी उनकी खासियतों में शामिल है.
बीजेपी ने क्यों चुना चंद्रभानु पासवान?
आरएसएस बैकग्राउंड
चंद्रभानु पासवान का आरएसएस से जुड़ाव उनकी सबसे बड़ी ताकत है. संघ की विचारधारा और अनुशासन में उनकी गहरी आस्था है, जो बीजेपी के लिए उनकी उम्मीदवारी को मजबूत बनाता है.
गुजरात कनेक्शन
पासवान का कपड़े का थोक कारोबार है जिसके चलते उनका कनेक्शन सूरत और अहमदाबाद से है.
सामाजिक समीकरण
पासवान का दलित समुदाय से होना बीजेपी के लिए एक रणनीतिक कदम है. मिल्कीपुर में दलित और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या काफी है. चंद्रभानु की छवि इन वर्गों को बीजेपी की ओर आकर्षित करने में मदद कर सकती है.
स्थानीय और राष्ट्रीय अनुभव का मेल
चंद्रभानु पासवान का स्थानीय जुड़ाव और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के साथ अनुभव उन्हें एक संतुलित उम्मीदवार बनाता है.
बीजेपी की रणनीति
बीजेपी ने इस बार मिल्कीपुर उपचुनाव को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक परीक्षा के रूप में देखा है. पार्टी का उद्देश्य न केवल सीट जीतना है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक संदेश देना भी है. पासवान की उम्मीदवारी यह संकेत देती है कि बीजेपी जमीनी कार्यकर्ताओं और सामाजिक समीकरणों को प्राथमिकता दे रही है.
विपक्ष की तैयारी
जहां एक तरफ बीजेपी ने पासी समाज से पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव खेला है. इससे मिल्कीपुर सीट पर मुकाबला पासी बनाम पासी का हो गया है.
क्या बीजेपी की रणनीति सफल होगी?
मिल्कीपुर उपचुनाव में चंद्रभानु पासवान की उम्मीदवारी बीजेपी के लिए एक सोच-समझा हुआ दांव है. उनकी आरएसएस पृष्ठभूमि, दलित समुदाय में प्रभाव, और गुजरात कनेक्शन उन्हें विपक्ष के मुकाबले एक मजबूत दावेदार बनाते हैं.
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