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India के स्ट्राइक के बाद क्यों झुक गया पाकिस्तान? यह है ठंडे रवैये के पीछे के 5 बड़े कारण!

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भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया है।
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भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। जहाँ पहले पाकिस्तान की ओर से गीदड़भभकियों और परमाणु हमलों की धमकियां दी जा रही थीं, अब वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ खुद यह कह रहे हैं कि “हम कुछ नहीं करेंगे।” आखिर क्यों बदला पाकिस्तान का रवैया? जानिए वे 5 ठोस कारण जो पाकिस्तान की जुबान पर ताला लगाने को मजबूर कर रहे हैं:

सैन्य शक्ति में भारी अंतर – भारत के सामने पस्त पाक

भारत और पाकिस्तान की सैन्य ताकत में जमीन-आसमान का फर्क है। स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2024 में रक्षा क्षेत्र में 86.1 अरब डॉलर खर्च किए, जबकि पाकिस्तान महज 10.2 अरब डॉलर ही खर्च कर सका। भारत की थल, जल और वायु सेना कहीं अधिक सुसज्जित और तैयार हैं। पिछली हर जंग में पाकिस्तान को शिकस्त मिली है, जिससे अब वह सीधी टक्कर लेने से कतरा रहा है।

आर्थिक तबाही की कगार पर पाकिस्तान

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही ICU में है। उसकी जीडीपी लगभग 350 अरब डॉलर है और उस पर जीडीपी के मुकाबले 42% का भारी-भरकम विदेशी कर्ज है। वहीं भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन चुका है। खाने-पीने से लेकर जरूरी चीजें आम पाकिस्तानी की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं। ऐसे में युद्ध जैसी स्थिति आर्थिक आत्महत्या के बराबर होगी।

 दोस्त भी बना रहे दूरी – चीन भी चुप

पहले जो चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा मददगार माना जाता था, वही अब ‘वेट एंड वॉच’ की पॉलिसी अपनाए हुए है। पाकिस्तान ने चीन से मुद्रा विनिमय लाइन 10 अरब डॉलर तक बढ़ाने की गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई समर्थन नहीं मिला। अरब देश भी फिलहाल आर्थिक मदद देने में रुचि नहीं दिखा रहे। इस अलग-थलग पड़ चुके देश की कूटनीतिक ताकत भी खत्म होती जा रही है।

शेयर बाजार की हालत खस्ता

पाकिस्तानी शेयर बाजार पहले ही 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से 11,000 अंक लुढ़क चुका है। एयर स्ट्राइक के बाद तो बुधवार को यह खुलते ही क्रैश हो गया और 6,000 से अधिक अंक टूट गया। निवेशकों में घबराहट है और विदेशी पूंजी पलायन कर रही है। युद्ध की आहट से बाजार और भी बर्बादी के मुहाने पर खड़ा हो गया है।

IMF-वर्ल्ड बैंक की मदद बंद होने का डर

पाकिस्तान पहले ही IMF और वर्ल्ड बैंक से मदद की आस लगाए बैठा है। लेकिन अगर युद्ध जैसी स्थिति बनी, तो उसे मिलने वाली वित्तीय सहायता भी रुक सकती है। 9 मई को IMF की बोर्ड बैठक में पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर मिलने पर फैसला होना है। युद्ध की हालत में ये फंड रोक दिए जाएंगे – और यह पाकिस्तान के लिए आर्थिक मौत के बराबर होगा।

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