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ग्रेटर नोएडा में स्मार्ट मीटर परियोजना पर जल्द शुरू होगा काम, जानिए उपभोक्ताओं को कैसे मिलेगा फायदा?

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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने मंगलवार को जल और सीवर विभाग की समीक्षा की। एसीईओ ने जल विभाग को स्मार्ट मीटर योजना का टेंडर शीघ्र निकालने के निर्देश दिए। स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर 20 करोड रुपए से अधिक का खर्च आने का आकलन है।

एसीईओ प्रेरणा सिंह ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
एसीईओ ने गर्मी में पानी की खपत में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए जलापूर्ति नेटवर्क को दुरुस्त करने और सीवर के ओवरफ्लो को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। ओवरफ्लो की शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी। एसीईओ ने गंगा जल परियोजना और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्रस्तावित एसटीपी के कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। समीक्षा बैठक के दौरान ओएसडी अभिषेक पाठक वरिष्ठ प्रबंधक राजेश गौतम, वरिष्ठ प्रबंधक गुरविंदर सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक विनोद शर्मा, वर्क सर्कल के प्रभारी प्रभात शंकर आदि अधिकारीगण मौजूद रहे।

स्मार्ट मीटर क्या करता है?
बता दें कि स्मार्ट मीटर पारंपरिक एनालॉग मीटर की तुलना में ज़्यादा अच्छा होता है। स्मार्ट मीटर में स्वचालित रीडिंग (Automatic Reading) यानी यह खुद-ब-खुद खपत का डेटा रिकॉर्ड करता है और सर्वर पर भेजता है। मीटर रीडर को घर आने की ज़रूरत नहीं होती। इसके अलावा उपयोगकर्ता ऐप या पोर्टल के माध्यम से देख सकता है कि कितनी बिजली या पानी खपत हो रही है। इससे बिजली की बचत करने में मदद मिलती है। वहीं, स्मार्ट मीटर से आप प्रीपेड (पहले रिचार्ज करें, फिर उपयोग करें) या पोस्टपेड (पहले उपयोग करें, बाद में भुगतान करें) सुविधा चुन सकते हैं। सर्विस प्रोवाइडर दूर से ही बिजली कनेक्शन को चालू या बंद कर सकता है। लाइनमैन की ज़रूरत नहीं होती। ओवरचार्जिंग की संभावना कम हो जाती है क्योंकि बिलिंग पूरी तरह से डिजिटल और ऑटोमैटिक होती है।

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