Kanpur: आधे दाम में हेयर ट्रांसप्लांट करने की लालच में गई दो जान, फरार अनुष्का तिवारी की तलाश में जुटी पुलिस

- Rishabh Chhabra
- 14 May, 2025
कानपुर में कम कीमत पर हेयर ट्रांसप्लांट कराने के झांसे में आकर दो लोगों की जान चली गई। यह सनसनीखेज मामला उस समय सामने आया जब फर्रुखाबाद निवासी मयंक की मौत हो गई और कानपुर निवासी विनीत दुबे पहले ही इसी तरह की प्रक्रिया में जान गंवा चुके थे। दोनों ही मामलों में एक ही नाम सामने आया—अनुष्का तिवारी। खुद को डॉक्टर बताने वाली अनुष्का अब फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
अनुष्का तिवारी का कानपुर में 'एम्पायर क्लिनिक' के नाम से क्लीनिक था, जहां वह सस्ते दामों में हेयर ट्रांसप्लांट का दावा करती थी। आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट का खर्चा 10 से 20 लाख रुपए तक आता है, लेकिन अनुष्का यह काम आधे दाम में करने की बात कहती थी। इसी वजह से बड़ी संख्या में लोग उसके क्लिनिक पर पहुंचते थे।
पीड़ित परिवारों का आरोप है कि अनुष्का ने डर्मेटोलॉजिस्ट की अनुमति या योग्य डिग्री के बिना यह ट्रांसप्लांट किया। विनीत और मयंक दोनों ही इसी झांसे में फंस गए और कथित रूप से गलत तरीके से की गई प्रक्रिया के कारण उनकी जान चली गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच तेज कर दी है और आरोपी महिला की तलाश जारी है।
शहर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) हरिदत्त नेमी ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि हेयर ट्रांसप्लांट की अनुमति सिर्फ विशेषज्ञ डर्मेटोलॉजिस्ट को होती है। उन्होंने कहा कि बहुत से फर्जी लोग खुद को डॉक्टर बताकर इस तरह की प्रक्रिया कर रहे हैं, जो पूरी तरह अवैध है और जानलेवा भी साबित हो सकती है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति से इलाज या सर्जरी कराने से पहले उसकी योग्यता और लाइसेंस की जांच अवश्य करें।
फिलहाल, मामले की जांच सीएमओ के नेतृत्व में की जा रही है और रिपोर्ट जल्द ही प्रशासन को सौंपी जाएगी। वहीं, मयंक के परिजनों ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि मयंक की मौत के समय पोस्टमार्टम नहीं हुआ था, लेकिन उनके पास ऐसे पर्याप्त सबूत हैं जो साबित करते हैं कि मौत का कारण हेयर ट्रांसप्लांट ही था।
पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए जांच का दायरा बढ़ा दिया है। क्लीनिक के अन्य स्टाफ और वहां इलाज करवा चुके अन्य मरीजों से भी पूछताछ की जा रही है। फरार अनुष्का तिवारी की तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
यह घटना न केवल एक बड़ी लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो बिना जांच-पड़ताल किए महंगी प्रक्रियाएं सस्ते में कराने की लालच में आ जाते हैं। अब देखना होगा कि पुलिस कब तक आरोपी को पकड़कर पीड़ित परिवारों को न्याय दिला पाती है।
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