Case Officer: विदेशों में जासूस ढूंढने वाले ‘केस ऑफिसर’ कैसे बनते हैं? जानिए RAW जैसे संगठनों को ज्वॉइन करने का सीक्रेट प्रोसेस
दुनिया की सभी खुफिया एजेंसियों जैसे कि अमेरिका की CIA, भारत की RAW, इज़राइल की Mossad और पाकिस्तान की ISI में एक खास वर्ग होता है जिसे 'केस ऑफिसर' कहा जाता है।
- Rishabh Chhabra
- 19 May, 2025
दुनिया की सभी खुफिया एजेंसियों जैसे कि अमेरिका की CIA, भारत की RAW, इज़राइल की Mossad और पाकिस्तान की ISI में एक खास वर्ग होता है जिसे 'केस ऑफिसर' कहा जाता है। इनका काम बेहद गोपनीय होता है – ये विदेशों में जाकर वहां के नागरिकों को अपने देश के लिए जासूसी करने के लिए तैयार करते हैं।
केस ऑफिसर कौन होते हैं?
‘केस ऑफिसर’ वह अधिकारी होता है जो किसी देश के लिए दूसरे देशों में जासूसी नेटवर्क खड़ा करता है। इनका प्रमुख कार्य होता है – जासूसों की पहचान करना, उन्हें भर्ती करना, और उनसे महत्वपूर्ण सूचनाएं इकट्ठा कर एजेंसी को देना। ये लोग आमतौर पर दूसरे देश में राजनयिक, पत्रकार या व्यापारिक पहचान के रूप में कार्यरत रहते हैं, लेकिन असल में ये अपने देश की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे होते हैं।
भारत में दो तरह के केस ऑफिसर
घरेलू केस ऑफिसर: ये पुलिस, सीबीआई, NIA जैसी जांच एजेंसियों में काम करने वाले अधिकारी होते हैं जो किसी केस की जांच की जिम्मेदारी निभाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय केस ऑफिसर: ये RAW जैसे संगठनों में काम करने वाले अधिकारी होते हैं जो विदेशों में भारत के हितों की रक्षा के लिए जासूसी नेटवर्क बनाते हैं।
कैसे होती है जासूसों की भर्ती?
विदेशी नागरिकों को जासूसी के लिए तैयार करने की प्रक्रिया बेहद संवेदनशील होती है। आमतौर पर केस ऑफिसर पहले उन व्यक्तियों की पहचान करते हैं जो अपने देश के खिलाफ काम करने को तैयार हो सकते हैं। ऐसे लोगों को पैसों का लालच, राजनीतिक विचारधारा, या किसी मजबूरी का फायदा उठाकर रिक्रूट किया जाता है। इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है और उनसे नियमित रूप से रिपोर्ट ली जाती है।
RAW में कैसे बनते हैं ऑफिसर?
RAW में केस ऑफिसर बनने के लिए कोई सीधी भर्ती नहीं होती। इसमें मुख्य रूप से निम्न स्रोतों से अधिकारियों की नियुक्ति होती है:
IAS, IPS और IB के अनुभवी अधिकारी
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारी (विशेष रूप से मिलिट्री इंटेलिजेंस से)
इन अधिकारियों को डिपुटेशन पर RAW में लाया जाता है और चयन से पहले उन्हें कई स्तर की जांच और परीक्षणों से गुजरना होता है।
केस ऑफिसर बनने के लिए योग्यताएं
प्रशासनिक, खुफिया या सैन्य सेवाओं में अनुभव
तेज दिमाग और गोपनीयता बनाए रखने की क्षमता
निर्णय लेने की मजबूत क्षमता
साफ-सुथरा बैकग्राउंड और कई स्तर की सुरक्षा जांच
विदेशी भाषाओं का ज्ञान (प्लस प्वाइंट)
पाकिस्तान की चाल और भारत की सतर्कता
हाल ही में सामने आए मामलों में पाकिस्तान भारतीय नागरिकों को जासूसी के लिए इस्तेमाल कर रहा है। ज्योति मल्होत्रा जैसे नामों ने यह दिखाया है कि कैसे आम नागरिक भी टारगेट बन सकते हैं। अब भारतीय एजेंसियां उन पाकिस्तानी केस ऑफिसरों की पहचान में जुटी हैं जो भारत के भीतर नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
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