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UP: राशन घोटाले की जालसाजी में अधिकारी भी फंसे, सीआईडी ने खोली धोखाधड़ी की परतें

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बरेली, आगरा और मेरठ मंडलों में बड़ा राशन घोटाला खुलासा

उत्तर प्रदेश के बरेली, आगरा और मेरठ मंडलों में राशन घोटाले की जांच में सीआईडी ने चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं. यह घोटाला राशन डीलरों से लेकर डीएसओ और एडीएम तक के अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया. एक आधार कार्ड पर 90 से 100 लोगों को राशन बांटने की बात भी सामने आई है, जिससे गरीबों का हक छीना गया.

सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल कर की कड़ी कार्रवाई की सिफारिश

सीआईडी ने जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कई जिला पूर्ति निरीक्षक, राशन डीलर, कंप्यूटर ऑपरेटर और अधिकारियों को नामजद किया गया है. मेरठ के तत्कालीन डीएसओ विकास गौतम समेत कई अधिकारियों के खिलाफ कच्चा चिट्ठा भी प्रस्तुत किया गया है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है.

आधार कार्ड का दुरुपयोग, गरीबों से राशन छीना गया

जांच में पता चला कि आधार कार्ड के दुरुपयोग से लाभार्थियों के नाम में छेड़छाड़ की गई. कोटेदारों और अधिकारियों ने मिलकर पात्रों के आधार नंबरों को एडिट कर अपात्र लोगों को राशन मुहैया कराया. नाबालिग बच्चों को भी लाभार्थी बनाकर घोटाला और बड़ा हुआ.

तकनीकी कदम से होगी राशन वितरण में पारदर्शिता

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद ने बताया कि सरकार राशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एल-1 तकनीक लागू करेगी. इस तकनीक में अंगूठे के निशान की पुष्टि के बाद ही राशन मिलेगा, जिससे नकल संभव नहीं होगी. 30 जून 2025 तक सभी ई-पॉश मशीनों में यह डिवाइस लगाई जाएगी.

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