COVID-19: हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, कोरोना से निपटने की तैयारी पर मांगी स्टेटस रिपोर्ट
कोरोना ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है. कोरोना के मरीज भी सामने आने लगे हैं. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविड की अगली लहर की तैयारियों को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.
- Rishabh Chhabra
- 02 Jun, 2025
कोरोना ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है. कोरोना के मरीज भी सामने आने लगे हैं. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविड की अगली लहर की तैयारियों को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही कोर्ट ने सैंपल कलेंक्शन, सैंपल सेंटर और परिवहन नीति पर न्यूनतम मानकों को स्थापित करने में देरी पर चिंता जाहिर की है. न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया का कहना है कि हालांकि ये विश्वास है कि आवश्यक कदम और प्रोटोकॉल लागू कर दिए गए हैं, लेकिन इन्हें आधिकारिक तौर पर भी रिकॉर्ड में लाया जाना चाहिए. इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 18 जुलाई को की जाएगी.
28 मई के अपने आदेश में कोर्ट ने कहा था कि कोविड-19 की अगली महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और समुदाय में सक्रिय चल रही है. ऐसी स्थिति में 30 मई 2023 की बैठक के बाद उठाए गए कदमों में किसी भी कमी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. कोर्ट ने केंद्र से तत्काल रूप से मानक संचालन प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिए जाने और लागू करने की मांग की है.
ये पूरा मामला डॉ. रोहित जैन द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया है. जिसमें डॉ. रोहित जैन द्वारा 27 जनवरी 2023 के हाईकोर्ट के एक आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया था. उस आदेश में केंद्र को जैन की याचिका को एक प्रतिनिधित्व के रूप में मानकर 12 सप्ताह में तर्कसंगत निर्णय लेने का निर्देश जारी किया गया था. जैन ने दावा किया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद, सैंपल कलेक्शन, सैंपल सेंटर और परिवहन के लिए न्यूनतम मानकों पर कोई दिशा निर्देश तैयार नहीं किए गए. कोर्ट ने केंद्र की स्थायी वकील मोनिका अरोड़ा को निर्देश जारी किया है कि वे संबंधित अधिकारियों को कोर्ट के आदेशों से अवगत करा दें और साथ ही साथ छह सप्ताह के भीतर एक स्थिति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.
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