UP: तीसरा मोर्चा बनाम बहुजन बीस्ट: चंद्रशेखर और स्वामी प्रसाद की नई सियासत, मायावती सतर्क
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही दो साल दूर हों, लेकिन सियासी हलचल अभी से तेज हो गई है.
- Rishabh Chhabra
- 04 Jun, 2025
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही दो साल दूर हों, लेकिन सियासी हलचल अभी से तेज हो गई है. आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने एनडीए और इंडिया गठबंधन से अलग अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. वह दलित, पिछड़ा और मुस्लिम समीकरण को आधार बनाकर नया राजनीतिक फ्रंट खड़ा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात, गठबंधन की बुनियाद
चंद्रशेखर ने लखनऊ में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात कर राजनीतिक समीकरणों को हवा दे दी है. दोनों नेताओं के बीच सामाजिक न्याय, बहुजन एकता और 2027 के चुनावी समीकरण पर गंभीर चर्चा हुई. माना जा रहा है कि वे मिलकर थर्ड फ्रंट बनाने की तैयारी में हैं.
आजम खान से भी चंद्रशेखर की सियासी नजदीकी
चंद्रशेखर की आजम खान से भी मुलाकातें हो चुकी हैं. आजम, मुस्लिम राजनीति में बड़ा नाम माने जाते हैं और उनकी नाराजगी सपा से जगजाहिर है. ऐसे में चंद्रशेखर, ओवैसी और आजम एक नए मुस्लिम-दलित गठजोड़ की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं.
मायावती का पलटवार, बहुजन समाज को चेतावनी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंद्रशेखर और स्वामी प्रसाद पर तीखा हमला करते हुए उन्हें बहुजन हितों के लिए ‘खतरा’ बताया. उन्होंने कहा कि बसपा ही असली बहुजन हितैषी पार्टी है और जनता को इन "छोटे संगठनों" से सतर्क रहना चाहिए.
दलित-मुस्लिम समीकरण की नई खोज
चंद्रशेखर आजाद 1992 के बसपा मॉडल को दोहराना चाहते हैं. वह दलितों के साथ-साथ मुस्लिमों और पिछड़ों को जोड़ने की कोशिश में जुटे हैं, ताकि 2027 में सियासी संतुलन बदला जा सके.
नया मोर्चा बनाम पुराना संरचना
स्वामी प्रसाद की अनुभव और चंद्रशेखर की युवा छवि से यह जोड़ी 2027 में एक नया राजनीतिक विकल्प बन सकती है. लेकिन बीजेपी, सपा और बसपा जैसे दिग्गज दलों के सामने यह गठबंधन कितनी मज़बूती से टिक पाएगा, यह समय बताएगा.
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