Ayodhya: रामलला के नाम पर करोड़ों की ठगी! प्रसाद भेजने के नाम पर मांगे पैसे, फिर पुलिस के जाल में कैसे फंसा आरोपी?

- Rishabh Chhabra
- 05 Jun, 2025
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पावन मौके पर जब पूरी अयोध्या श्रद्धा और भक्ति में डूबी थी, उसी समय एक साइबर ठग ने लोगों की आस्था को ठगने का घिनौना खेल खेला। महज ₹51 से शुरू हुई यह ऑनलाइन ठगी करोड़ तक पहुंची। आरोपी ने लाखों श्रद्धालुओं को ठगा और प्रसाद भेजने के नाम पर पैसा वसूला।
भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर दुल्हन की तरह सजी थी, तभी इसी पवित्र माहौल में एक शातिर दिमाग ने श्रद्धा को व्यापार बना दिया। जानकरी के मुताबिक, आरोपी ने ऑनलाइन एजेंसी के जरिए राम मंदिर के प्रसाद वितरण के नाम पर 6 लाख 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को ठगा। इस ठगी की शुरुआत मात्र 51 रुपए से हुई और अंत 3 करोड़ 85 लाख रुपए पर हुआ।
कब, कैसे क्या हुआ?
आरोपी आशीष ने सोशल मीडिया और वेबसाइट के जरिए प्रचार किया कि वह राम मंदिर से प्रसाद श्रद्धालुओं के घर तक पहुंचाएगा। उसने एक पेमेंट गेटवे तैयार किया और ₹51 से लेकर ₹500 तक की राशि में ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरू किया। धीरे-धीरे यह ठगी पूरे देश में फैल गई और लगभग 6.3 लाख श्रद्धालुओं से कुल ₹3.85 करोड़ की लेकिन किसी को भी कोई प्रसाद नहीं मिला।इस पूरे मामले में अयोध्या साइबर थाना टीम ने शिकायत मिलने पर तुरंत मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस ने 2.15 करोड़ की रकम फ्रीज की
तत्कालीन साइबर थानाध्यक्ष और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर के नेतृत्व में टीम ने गहन जांच की और आरोपी आशीष को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अयोध्या पुलिस ने इस पूरे मामले में 3 करोड़ 85 लाख में से 2 करोड़ 15 लाख रुपए फ्रीज कराकर पीड़ितों के खातों में वापस किए हैं। बाकी 1 करोड़ 70 लाख रुपए की रिकवरी की प्रक्रिया चल रही है, पुलिस ने जल्द ही वह भी लौटाने का दावा कर रही है।
देश की सबसे बड़ी रिकवरी में से एक
यह मामला भारत के साइबर अपराध इतिहास में सबसे बड़ी रिकवरी में से एक माना जा रहा है। अयोध्या पुलिस की सतर्कता और सूझबूझ से यह ही ये संभव हो पाया। इससे यह भी साबित होता है कि अगर समय रहते कदम उठाया जाए तो साइबर अपराधों से बड़ी राहत मिल सकती है।
जागरूक रहें, ठगों से बचें
अगर आपने या आपके किसी जानने वाले ने खुद के साथ ठगी जैसा अनुभव किया है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें या नजदीकी साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराएं। रामलला के नाम पर यह सबसे बड़ा ऑनलाइन फ्रॉड हुआ, लेकिन अयोध्या पुलिस ने जो साहस और सतर्कता दिखाई है। वह वास्तव में रामराज्य की कानून व्यवस्था का एक आदर्श उदाहरण है।
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