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नोएडा में आ रहा है ‘ड्रीम सिटी’ वर्जन 2.0 – प्लॉट से लेकर पॉलिसी तक हर कोना चमकेगा!

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नोएडा प्राधिकरण की 218वीं बोर्ड बैठक में शहर के विकास और नीतिगत सुधारों को लेकर कई अहम मुद्दों पर मुहर लगा दी गई है.
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नोएडा प्राधिकरण की 218वीं बोर्ड बैठक में शहर के विकास और नीतिगत सुधारों को लेकर कई अहम मुद्दों पर मुहर लगा दी गई है. 

प्रमुख ढांचागत परियोजनाएं

सेक्टर-145 का विकास: ₹122 करोड़ की लागत से सड़क, नाला, सीवर, और बिजली के बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा.

ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का निर्माण: ₹315 करोड़ के निवेश से 220 केवीए क्षमता वाले तीन नए ट्रांसमिशन उपकेंद्र बनाए जाएंगे.

आवासीय और पुनर्विकास नीतियां

जर्जर सोसाइटियों का पुनर्विकास: पुरानी और जीर्ण-शीर्ण सोसाइटियों के लिए रिडेवलपमेंट पॉलिसी को मंजूरी मिली है. अब इन सोसाइटियों को तोड़कर 3.5 एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) के साथ फिर से बनाया जा सकेगा, जबकि पहले यह 1.5 एफएआर था. इस प्रक्रिया के लिए 70% निवासियों की सहमति अनिवार्य होगी. डेवलपर पुराने फ्लैट्स को दोबारा बनाकर निवासियों को देगा और बाकी फ्लैट्स बेचकर अपनी लागत वसूल करेगा.

फ्लैट रजिस्ट्री में तेजी: फ्लैट रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.

वाणिज्यिक और औद्योगिक विकास

होटल निर्माण के लिए पीपीपी मॉडल: होटल बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत दो प्लॉट्स (एक बड़ा और एक छोटा) आवंटित किए जाएंगे. इनका आवंटन ओपन बिड के जरिए होगा, जिसमें सबसे ज़्यादा राजस्व देने वाले समूह को प्राथमिकता दी जाएगी.

मिक्स लैंड यूज शुल्क: मिक्स लैंड यूज शुल्क को पांच गुना करने का प्रस्ताव फिलहाल रोक दिया गया है.

प्लॉट स्कीम और किराये पर जगह: छह श्रेणियों की प्लॉट स्कीम के ब्रोशर को मंजूरी मिल गई है और इसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा. आईटी और कॉर्पोरेट ऑफिस के लिए 500 वर्ग मीटर से कम जगह को किराये पर देने की अनुमति दी गई है.

यूनिफाइड पॉलिसी में संशोधन: यूनिफाइड पॉलिसी में संशोधन करते हुए छोटे वाणिज्यिक प्लॉट्स और दुकानों के लिए कैपिटल कॉस्ट की शर्त को हटा दिया गया है.

मोबाइल और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब: सेक्टर-164 में मोबाइल और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब के लिए छह बड़े प्लॉट्स आरक्षित किए गए हैं.

जीरो पीरियड पॉलिसी: अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर आधारित जीरो पीरियड पॉलिसी की स्टेटस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई.

ये सभी निर्णय नोएडा में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, आवासीय सुविधाओं में सुधार करने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

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