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सुरक्षा में बड़ी चूक, पुलिस-प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर विदेशी नागरिक कर रहा था ये काम, ऐसे हुआ खुलासा

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Noida:नोएडा पुलिस और प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर विदेशी नागरिक सालो से रह रहा था और बिजनेस भी कर रहा था। फर्जी दस्तावेज के आधार पर नोएडा में पीजी चला रहे बांग्लादेशी नागरिक को सेक्टर-126 थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से फर्जी भारतीय आधार कार्ड, पासपोर्ट, मोबाइल सहित अन्य दस्तावेज मिले हैं। पुलिस व एजेंसियां बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ कर उसके अन्य साथियों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है।

मुखबिर की सूचना पर धरा गया बांग्लादेशी
सेक्टर-126 थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया है कि रविवार को पुलिस बल के साथ सेक्टर-127 में संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की जांच कर रहे थे। इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर बख्तावरपुर गांव के सामने विद्युत ट्रांसफार्मर के पास से एक संदिग्ध को पकड़ा। संदिग्ध से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम आसिफ शेख और खुद को बांग्लादेश के नोआखली जिले के श्रीपोद्दी गांव का रहने वाला बताया। साथ ही बताया कि वह सेक्टर-127 के बख्तावरपुर गांव स्थित पीजी में रह रहा था और उसका संचालन करता है।

फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट भी मिला
पुलिस को इसके पास से दो मोबाइल, दो भारतीय आधार कार्ड, एक पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाणपत्र मिले हैं। एक आधार कार्ड गाजियाबाद के इंदिरापुरम के पते पर बना था। जबकि एक अन्य आधार कार्ड महाराष्ट्र के पुणे के पते का है। यही नहीं आरोपी के पास से जो पासपोर्ट मिला उसमें पता पश्चिम बंगाल का है। आरोपी के पास से बरामद जन्म प्रमाणपत्र की छायाप्रति के बारे में जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि यह उसकी बहन आसमां का है।

गाजियाबाद से बनवाए थे फर्जी डाक्यूमेंट
एप के माध्यम से दस्तावेज का अनुवाद किया तब स्पष्ट हुआ कि आसिफ शेख बांग्लादेशी है और अवैध रूप से भारत में रह रहा है। आसिफ  गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित एक दुकान से फर्जी दस्तावेज बनवाया  था।  फर्जी दस्तावेजों के सहारे नोएडा में रहकर काम कर रहा था। इतना ही नहीं अपनी बहन आसमां को भी भारत लाने वाला था। आसिफ के मोबाइल की जांच की तो एक आईएमओ एप  मिला। आसिफ ने बताया कि वह इस एप के सहारे बांग्लादेश में अपने परिवार व अन्य लोगों से बातचीत करता था। कई बार की बातचीत का रिकॉर्ड मोबाइल में मिला है।

2 साल से चला रहा पीजी
आसिफ ने बताया कि इंदिरापुरम में पीजी में काम करने के दौरान उसे पीजी के बारे में पूरी जानकारी मिल गई। इसके बाद यह नोएडा आ गया और 2023 में रायपुर और बख्तावरपुर गांव में किराए पर पीजी लिया और संचालित करने लगा। उसका बड़ा भाई मोहम्मद आलम शेख भी फर्जी तरीके से रहने के दौरान वर्ष 2018 में गाजियाबाद से गिरफ्तार हुआ था।

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