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Sambhal: चंदौसी में अवैध कब्जे की सफाई, मस्जिद और 33 मकानों पर चला बुलडोजर

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संभल ज़िले के चंदौसी क्षेत्र में एक बड़ा प्रशासनिक कदम सामने आया है, जहां नगर पालिका की जमीन पर अवैध रूप से बनी मस्जिद और 33 मकानों को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।
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संभल ज़िले के चंदौसी क्षेत्र में एक बड़ा प्रशासनिक कदम सामने आया है, जहां नगर पालिका की जमीन पर अवैध रूप से बनी मस्जिद और 33 मकानों को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई चंदौसी कोतवाली क्षेत्र के वारिस नगर इलाके में हुई, जहाँ लंबे समय से नगर पालिका यह दावा कर रही थी कि उसकी लगभग 6 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर निर्माण किया गया है।

मस्जिद और मकानों को बताया गया अवैध

नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि इस जमीन पर बिना अनुमति के मस्जिद “रज़ा-ए-मुस्तफा” और कई मकान बनाए गए थे। जब इस पर जांच शुरू की गई, तो मस्जिद कमेटी और अन्य लोगों से वैध दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वे कोई भी कानूनी कागज नहीं दिखा सके। इसके बाद नगर पालिका ने संबंधित लोगों को 15 दिन का नोटिस देकर अवैध कब्जा हटाने को कहा।

15 दिन की मोहलत पूरी होने पर की गई कार्रवाई

15 दिन की मोहलत पूरी होने के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया । SDM विनय मिश्रा और CO अनुज चौधरी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ बुलडोजर पहुंचा और अवैध निर्माण को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई। खास बात यह रही कि इस दौरान स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए सतर्कता बरती।

अवैध कब्जों पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी- डीएम

इस पूरे मामले पर संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि नगर पालिका की जमीन पर किसी भी तरह का निजी निर्माण गैरकानूनी है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह साफ हो गया कि जमीन पर कब्जा अवैध था और जिन लोगों ने जमीन पर निर्माण किया, उन्होंने ना तो मालिकाना हक दिखाया और ना ही अनुमति ली।

डीएम ने आगे यह भी कहा कि जिन लोगों ने सरकारी जमीन बेची या कब्जा किया, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और आगे भी इस तरह की अवैध कब्जों पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

जनता में मिला-जुला असर

इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ लोग प्रशासन की सख्ती को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि प्रशासन को पहले विकल्पों और बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए था। जबकि प्रशासन का कहना है कि नोटिस देकर पूरी प्रक्रिया नियमों के तहत पूरी की गई है।

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