Noida: पुरानी गाड़ियां आउट! नोएडा में फ्यूल मिलेगा तभी जब उम्र होगी नियमों के भीतर

- Rishabh Chhabra
- 25 Jun, 2025
अगर आप नोएडा में रहते हैं और आपकी गाड़ी 10 या 15 साल पुरानी है, तो अब आपको सावधान हो जाना चाहिए। दिल्ली की तर्ज पर नोएडा में भी पुराने वाहनों को पेट्रोल या डीजल मिलने पर रोक लगने जा रही है। यह नियम 1 नवंबर 2025 से लागू होगा और शुरुआत में दो लाख से अधिक ऐसे वाहनों को ईंधन देने से इनकार कर दिया जाएगा।
यह कदम केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देश पर उठाया गया है। इसके तहत अब एनजीटी नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। नियमों के मुताबिक, डीजल वाहनों की उम्र 10 साल और पेट्रोल वाहनों की उम्र 15 साल तय की गई है। इससे अधिक पुराने वाहन अब दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगे।
पेट्रोल पंपों पर लगेंगे कैमरे, तुरंत होगी पहचान
अब पुराने वाहन की पहचान हाथ से नहीं, बल्कि एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों से की जाएगी। इन्हें जल्द ही पेट्रोल पंपों पर लगाया जाएगा। जैसे ही कोई पुराना वाहन ईंधन भरवाने पहुंचेगा, कैमरे नंबर प्लेट स्कैन करेंगे और अगर वह नियम के तहत प्रतिबंधित पाया गया, तो उसे फ्यूल देने से मना कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही परिवहन विभाग की टीमें अलर्ट होकर तुरंत मौके पर पहुंचेंगी और जरूरी होने पर वाहन जब्त कर लिया जाएगा।
या तो स्क्रैप करें, या ट्रांसफर कराएं
उप संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. सियाराम वर्मा ने साफ किया है कि यदि वाहन की उम्र तय सीमा से ज्यादा हो चुकी है, तो उसे या तो स्क्रैप कराना होगा या फिर उसे अन्य जिले या राज्य में ट्रांसफर कराना होगा। अन्यथा, वाहन मालिक पर जुर्माना और वाहन सीज जैसी कार्रवाई की जाएगी।
इन जिलों में अब भी चल सकेंगे पुराने वाहन
उत्तर प्रदेश के 33 जिले ऐसे हैं जहां पर अभी पुराने वाहन चल सकते हैं। इनमें इटावा, कुशीनगर, बलिया, जौनपुर, अमेठी, गाजीपुर, मैनपुरी, लखीमपुर और संत कबीर नगर जैसे जिले शामिल हैं। अगर वाहन मालिक वहां अपना वाहन इस्तेमाल करना चाहता है, तो परिवहन विभाग की वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर जाकर एनओसी (No Objection Certificate) के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नवंबर के बाद वाहन मालिकों को करना होगा परेशानी का सामना
परिवहन विभाग का कहना है कि यह समय तैयारी का है, चेतावनी का नहीं। अगर समय रहते वाहन मालिक अपने पुराने वाहन को स्क्रैप या ट्रांसफर नहीं करते, तो नवंबर के बाद उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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