Varanasi: अवैध कट्टा खुद रखा, फिर मांगी रिश्वत, अब जेल में ठंडी हवा खा रहे हैं साहब!

- Rishabh Chhabra
- 27 Jun, 2025
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। जहां पर मंडुआडीह थाने में तैनात एक दारोगा और एक हेड कांस्टेबल को 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई एंटी करप्शन टीम ने की है। गिरफ्तारी के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला वाराणसी के मंडुआडीह थाना क्षेत्र का है। आकाश गुप्ता नाम का युवक वहां पर एक सैलून चलाता है। उसकी दुकान के बगल में एक वाइन शॉप है। कुछ दिन पहले आकाश की वाइन शॉप वालों से कहा-सुनी हो गई थी। इसके बाद, आकाश का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर उसे परेशान करना शुरू कर दिया।
दारोगा ने पीड़ित को दी धमकी
आकाश ने बताया कि मंडुआडीह थाने के एक वरिष्ठ दारोगा ने पहले उसकी तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। फिर दोबारा तलाशी के नाम पर उसी के पैंट में अवैध कट्टा और कारतूस रख दिए, और फिर धमकाया कि अगर 50,000 रुपये नहीं दिए, तो गंभीर धाराओं में जेल भेज देंगे। उन्होंने कहा कि अगर पैसा दे दिया जाए, तो सिर्फ 151 की हल्की धारा में चालान कर दिया जाएगा और सुबह बेल हो जाएगी।
35 हजार रुपये में फाइनल हुई डील
आकाश और उसके भाई ने जब ज्यादा रकम देने से इनकार किया, तो 35,000 रुपये में "डील" तय हुई। जब आकाश ने पूछा कि बाकी पुलिसवालों को भी कुछ देना होगा क्या, तो दारोगा ने कहा कि नहीं अब सिर्फ हमें दो। लेकिन दारोगा अभय नाथ तिवारी और कांस्टेबल शक्ति सिंह यादव बार-बार पैसे की मांग करते रहे और आकाश के घर तक पहुंच गए।
एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई
आख़िरकार तंग आकर आकाश ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया। तीन दिन के भीतर टीम ने कार्रवाई की योजना बनाई। तय दिन पर आकाश 15,000 रुपये लेकर थाने पहुंचा और जैसे ही वह पैसे सौंपने लगा, टीम ने दारोगा और कांस्टेबल को रंगे हाथ पकड़ लिया।
जेल भेजे गए आरोपी
गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश देती है और साफ दिखाता है कि अगर आम नागरिक आवाज उठाए, तो सिस्टम जवाबदेह बनता है।
इस घटना ने दिखा दिया है कि अगर पुलिस जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग कानून का दुरुपयोग करते हैं, तो उसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। आकाश जैसे लोगों की हिम्मत और एंटी करप्शन टीम की सक्रियता ने ये साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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