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नोएडा के बुजुर्ग साइबर ठगों के आसान शिकार, दंपति को डिजिटल अरेस्ट कर 59. 50 लाख हड़पे, जानिए कैसे जाल में फंसाया?

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Noida: नोएडा में बुजुर्ग लोग साइबर ठगों के निशाने पर हैं। आए दिन हाईटेक शहर में रहने वाले बुजुर्गों की जिंदगी भर की कमाई पर जालसाज डाका डाल रहे हैं। अधिकतर मामले में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की जा रही है। अब साइबर जालसाजों ने बुजुर्ग दंपती को 13 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 59.50 लाख रुपये हड़प लिए। साइबर ठगों ने ने सीबीआई अधिकारी बनकर दंपति को मनी लांड्रिंग में शामिल होने का डर दिखाकर पैसे ट्रांसफर करवाया लिया। दंपती ने अब पुलिस से शिकायत की है। जिसके आधार पर साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।


लैंडलाइन पर फोन कर जाल में फंसाया

सेक्टर-29 में बर्जर पेंट्स से सेवानिवृत्त मैनेजर राजीव कुमार (78) अपनी पत्नी किरण कुमार (74) के साथ रहते हैं। राजीव की ओर से दी गई शिकायत के अनुसार, 18 जून को उनके लैंडलाइन पर एक कॉल आई। कॉलर ने बताया कि इस नंबर से अवैध गतिविधियां चल रही हैं और दो घंटे में नंबर बंद हो जाएगा। इसके साथ ही कहा कि आगे की जानकारी के लिए 3 दबाएं। जैसे ही राजीव ने 3 दबाया दूसरी तरफ से बताया गया कि वह एयरटेल कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव हैं। बुजुर्ग से कहा कि मुंबई पुलिस के कहने पर आपको नंबर बंद किया जा रहा है।आपके नंबर से मुंबई में चार बैंक खाते खोले गए हैं और इनसे आतंकवाद और तस्करी जैसी गंभीर गतिविधियां की जा रही हैं। इसके साथ ही मनी लांड्रिंग की जा रही है। सीबीआई केस दर्ज कर जांच कर रही है।


नकली डीसीपी और इंस्पेक्टर ने की बात

पीड़ित ने बताया कि इसके बाद कॉल कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव नेकथित मुंबई पुलिस को ट्रांसफर कर दी। जहां पर सीबीआई डीसीपी प्रवीण सूद और इंस्पेक्टर संजय सिंह ने बातचीत की। इन लोगों ने दंपति से कहा कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है। इससे बचने के लिए अपने खातों की रकम जांच होने तक उनके बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दें। ठगों के दबाव में आकर दंपती ने 3 बार में 59 लाख 50 हजार रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए।


बैंक जाकर ट्रांसफर किए पैसे

जालसाजों ने करीब 13 दिन तक पति-पत्नी को डिजिटल अरेस्ट रखा और वीडियो कॉल पर लगातार बनाए रखा। डिजिटल अरेस्ट होकर ही पीड़ित ने बैंक जाकर आरटीजीएस के माध्यम से रुपये भेजे। जालसाजों ने धमकाया कि वह बैंक अधिकारियों से बात न करें। 30 जून को जब दंपती को शक हुआ तब उन्होंने सभी नंबर ब्लॉक कर दिए और शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल पर की। इसके बाद नोएडा साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अब उन खातों की जांच कर रही है, जिनमें रकम भेजी गई है।

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