नोएडा में सिटी बस चलाने वाली कंपनी का होगा ये नाम, सरकार को भेजे गए तीन नाम, इन रूटों पर चलेंगी ई-बसें
- Sajid Ali
- 09 Jul, 2025
Noida: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 500 सिटी बसें चलाई जाएंगी. इसके लिए कंपनी का नाम जल्द तय हो जाएगा. प्रशासन को तीन नाम को लेकर प्रस्ताव भेजे गए हैं. इसके लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल का गठन किया जा रहा है. कंपनी का निर्माण किया जा रहा है. इसके नाम को लेकर प्रपोजल भेजा गया है.
तीन नामों का प्रपोजल
जिन तीन नाम सुझाए गए हैं उनमें एनजीवाई अर्बन मोबिलिटी सर्विस, जीबीएन इजी राइट सर्विस और जीबीएन ग्रीन
ट्रांसपोर्ट शामिल हैं. नाम सरकार की तरफ से तय किए जाएंगे, लेकिन
इसकी ब्रांडिंग शहरी यातायात में अपने बड़े लक्ष्य को परिलक्षित करेगा. कंपनी में
नोएडा ट्रैफिक सेल के अलावा तीनों प्राधिकरण के सीईओ और सात सब्सक्राइबर होंगे.
बहली बोर्ड की बैठक के बाद बाकी के स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी.
प्राधिकरण
के होंगे इतने शेयर
तीनों प्राधिकरण क्षेत्र में 500 सिटी ई बसें चलाई जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 25 रूटों पर पूरे जिले ये बसें चलेंगी, जिसमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी शामिल है. 500 बसों में नोएडा प्राधिकरण में 300, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 100-100 बसें चलेंगी. तीनों प्राधिकरण में बसों के संचालन को सुनिश्चित करना भी एसपीवी करेगा. एसपीवी में नोएडा प्राधिकरण की- 48 प्रतिशत और ग्रेटर नोएडा-यमुना प्राधिकरण के 26-26 प्रतिशत इक्विटी योगदान के साथ होगा.
25 रूटों पर चलेंगी बसें
पिछले दिनों इसके लिए लखनऊ में महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. इसी बैठक में एसपीवी और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. सीईओ ने कहा कि एसपीवी के गठन के बाद इसकी जानकारी शासन को दी जाएगी. 500 बसों में से 250-250 बसें 12 मीटर और 9 मीटर स्टैंडर्ड फ्लोर की ई बसें होंगी. ये बसें 25 रूटों पर चलेंगी, जिसमें नोएडा में 13 रूट, ग्रेटर नोएडा में 9 रूट और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में दो रूट पर शामिल हैं. सुबह साढ़े छह बजे से रात 11 बजे तक इन रूटों पर बस चलेंगे. इन रूटों पर 10 मिनट के अंतराल पर बसें चलेंगी.
बनाना होगा बस डिपो
फिलहाल बसों के संचालन की शुरुआत सेक्टर-82 और
सेक्टर- 91 के बस टर्मिनल से होगी. नोएडा प्राधिकरण बसों के संचालन के लिए
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने का काम करेगा. इसके तहत रख रखाव और चार्जिंग की भी
व्यवस्था करनी होगी. फास्ट चार्जर, प्लांट, इक्विपमेंट और डिपो मेंटेनेंस की व्यवस्था करनी है. पूरा
प्रोजेक्ट 675 करोड़ का है. एग्रीमेंट होने के एक साल के अंदर ग्रेटर नोएडा और
यमुना प्राधिकरण को भी अपने क्षेत्र में एक-एक डिपो बनाना होगा, जहां से 12
मीटर और 9 मीटर लंबी बसों का संचालन हो सके.
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