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हिमाचल में दो भाइयों ने एक दुल्हन के साथ रचाई शादी, ये कैसा विवाह और कौन सी प्रथा?

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हिमाचल प्रदेश में एक अनोखा मामला आया है। जिसे सुनकर हर कोई हैरान है और कहने को मजबूर है कि 'ये कैसा विवाह'जिला सिरमौर के गिरिपार का हाटी क्षेत्र बरसों बाद शादी की जोड़ीदार प्रथा फिर जिंदा हुई हैयहां के दो भाइयों ने एक दुल्हन के साथ एक ही मंडप में सात फेरे लिए। यह शादी तीनों की रजामंदी से हुई है। शादी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पांडव कालीन परंपरा की आम लोगों में चर्चा हो रही है।

बता दें कि हिमाचल के सिरमौर, किन्नौर और उत्तराखंड के जौंसार बावर जैसे क्षेत्रों में बहुपति प्रथा पहले से रही है।


जोड़ीदार परंपरा से हुई शादी

जानकारी के मुताबिक, सिरमौर के शिलाई गांव के प्रदीप सिंह और उसक सगे भाई कपिल ने क्षेत्र की युवती से जोड़ीदारी प्रथा के अनुसार पिछले दिनों विवाह किया हैं। दोनों भाइयों ने एक दुल्हन के साथ हजारों लोगों की मौजूदगी में विवाह की रस्में निभाईं। यह शादी हाटी समुदाय की जोड़ीदार परंपरा के अनुसार हुई जिसमें एक पत्नी को दो या अधिक भाई साझा रूप से अपनाते हैं।   केंद्रीय हाटी समिति गिरिपार क्षेत्र के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने कहा कि इस प्रथा के प्रचलन में महाभारत कालीन पांडव संस्कृति को मुख्य स्रोत के रूप में माना जाता है। प्रदीप और कपिल नेगी ने इस परंपरा से शादी का फैसला लिया, जिसे वे विश्वास, देखभाल और साझी जिम्मेदारी का रिश्ता मानते हैं।


तीनों ने आपसी सहमति से की शादी

दोनों भाइयों ने कहा कि आपसी सहमति से विवाह करने का निर्णय लिया है। सके बाद युवती ने भी इस विवाह के लिए सहमति दी। दुल्हन का कहना है कि उसका स्वयं का निर्णय था, इसमें किसी का दबाव नहीं है। शादी में सैकड़ों गांववाले और रिश्तेदार शामिल हुए और तीन दिन तक चले समारोह में पारंपरिक व्यंजन का लुत्फ उठाया।


जोड़ीदारी प्रथा से शादी का क्या उद्देश्य

क्षेत्र के बुजुर्ग ध्यान सिंह, जालम सिंह, नैन सिंह, दिवडू राम ने बताया कि जोड़ीदारी प्रथा से शादी करने का कारण पुश्तैनी संपत्ति का विभाजन रोकना, महिलाओं को विधवा होने से बचाना और परिवार में एकता बनाए रखना था। गौरतलब है कि हिमाचल में कई ऐसी शादियां चर्चा का विषय बनी रहती हैं। किन्नौर में पीठ-चुक शादी का भी चलन है। इसमें युवक अपनी पसंद की युवती को शादी के इरादे से पीठ पर उठाकर ले जाता है शिमला के अपर महासूवी क्षेत्र में परैणा प्रथा से विवाह का चलन है। 

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