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बीडीएस छात्रा सुसाइड मामले में सुप्रीम कोर्ट की गंभीर टिप्पणी, कहा- शिक्षा व्यवस्था में कुछ गड़बड़, मांगी डिटेल रिपोर्ट

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New Delhi: शारदा यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में बीडीएस की छात्रा के आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की बेंच ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई की. शीर्ष अदालत ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था में गड़बड़ है. सर्वोच्च न्यायालय ने शारदा यूनिवर्सिटी के अलावा आईआईटी खड़गपुर को नोटिस भेजकर आत्महत्या मामले में रिपोर्ट मांगी है.

28 जुलाई को अगली सुनवाई

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या समय पर घटना की सूचना पुलिस को दी गई? क्या इस पर एफआईआर दर्ज की गई? सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी. वरिष्ट अधिवक्ता अपर्णा भट्ट को अमिस क्यूरी नियुक्त किया गया है. उन्हें विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया गया है.

18 जुलाई को गर्ल्स हॉस्टल में सुसाइड

बता दें कि 18 जुलाई की रात को ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में बीडीएस सेकंड ईयर की छात्रा ने फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी. सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को फंदे से उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज और परिजनों को जानकारी दी. बेटी की मौत की जानकारी मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे.
दो टीचरों पर प्रताड़ित करने का आरोप

छात्रा के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. जिसमें छात्रा ने विश्वविद्यालय के डेंटल डिपार्टमेंट की एक महिला और एक पुरुष शिक्षक पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. वहींछात्रा की आत्महत्या की खबर फैलते ही हॉस्टल और विश्वविद्यालय में में हड़कंप मच गया था. नाराज छात्रों ने देर रात हॉस्टल परिसर में जोरदार हंगामा किया और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. छात्रों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए. दोनों टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया था. 

सुसाइड नोट में लिखी ये बात

ज्योति शर्मा BDS सेकेंड ईयर की छात्रा थी. आत्महत्या मामले में छात्रा के सुसाइड नोट भी सामने आए हैं. जिसमें ज्योति शर्मा ने लिखा है कि अगर मेरी मौत हुई तो, इसके लिए पीसीपी और डेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे. महेंद्र सर र शैरी मैम मेरी मौत के जिम्मेदार हैं. उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, मुझे अपमानित किया. उनकी वजह से लंबे समय से डिप्रेशन में हूं. मैं चाहती हूं कि उन्हें भी यह सब सहना पड़े. सॉरी... मैं अब और नहीं जी सकती.

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