https://nownoida.com/uploads/images/ads/head2.jpg

17 बिल्डरों के खिलाफ एनसीएलटी-एनसीएलएटी में केस लड़ेगा प्राधिकरण, 7 हजार करोड़ रुपए की वसूली की तैयारी

top-news
17 बिल्डरों के खिलाफ एनसीएलटी-एनसीएलएटी में केस लड़ेगा प्राधिकरण, 7 हजार करोड़ रुपए की वसूली की तैयारी
https://nownoida.com/uploads/images/ads/head1.png

Noida: नोएडा प्राधिकरण 17 बिल्डरों से 7 हजार करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी कर रहा है. इन बिल्डरों को अमिताभ कांत की सिफारिशों का फायदा नहीं मिल रहा है. इन्होंने एनसीएलटी और एनसीएलएटी में अपील की है. इनके खिलाफ प्राधिकरण की ओर से जोरदार पैरवी करने की तैयारी की जा रही है. वकीलों के साथ बैठकर रिव्यू किया जाएगा, ताकि इनके बकाए पैसे वसूले जाएं.

बिल्डरों के खिलाफ पैरवी करेगा प्राधिकरण

बता दें कि प्राधिकरण की ओर से इन बिल्डरों को एनसीएलटी और एनसीएलएटी से केस वापस लेने पर अमिताभ कांत की सिफारिशों में इनको शामिल करने का ऑफर दिया गया था. लेकिन बिल्डरों की ओर से इस पर को प्रतिक्रिया नहीं आई. जिसके बाद प्राधिकरण ने एनसीएलटी और एनसीएलएटी में अपना पक्ष रखने का फैसला किया है. प्राधिकरण नें मजबूत पैरवी के लिए वकीलों के साथ एक रिव्यू बैठक करेगा.

अमिताभ कांत की सिफारिशों का नहीं मिल रहा फायदा

नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने कहा कि एनसीएलटी और एनसीएलएटी में जवाब देना है. सभी बिल्डरों के केस स्टडी को देखा जाएगा. वकीलों के साथ बैठक कर मजबूत पैरवी के लिए मसौदा तैयार किया जाएगा. जिससे कि बिल्डरों से कानूनी तौर पर बकाया वसूला जा सके. इन 17 बिल्डरों को अमिताभ कांत की सिफारिशों का लाभ नहीं दिया जा रहा है. नोएडा में 57 बिल्डर परियोजनाएं जिनको अमिताभ कांत की सिफारिशों का फायदा मिल रहा है.

इतने फ्लैटों की हो चुकी है रजिस्ट्री

57 बिल्डर परियोजनाओं में से 34 बिल्डर परियोजनाओं ने अमिताभ कांत की सिफारिशों का फायदा लिया है. इन्होंने 528 करोड़ रुपए जमा किए हैं, जो कि पूरे योजना का 25 प्रतिशत है. 13 बिल्डर प्रोजेक्ट की ओर से आंशिक राशि जमा किए गए हैं. वह राशि हैं 25.45 करोड़. प्राधिकरण के पास 543.45 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं, जिसमें 4777 खरीदारों के रजिस्ट्री कराए जा सकते हैं. अब तक 3125 बॉयर्स की रजिस्ट्री हो चुकी है. 

https://nownoida.com/uploads/images/ads/head1.png

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *