Noida में सपा महिला सभा का हल्ला बोल, स्कूल मर्जर और रसोइया छंटनी पर भड़की सपा महिला सभा, सरकार को दी ये सख्त चेतावनी

- Rishabh Chhabra
- 22 Jul, 2025
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के तहत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एकीकृत (मर्ज) करने के प्रस्ताव तथा विद्यालयों में वर्षों से काम कर रहीं रसोइया बहनों की कथित नियम-विरुद्ध छंटनी को लेकर असंतोष उभर आया है। समाजवादी पार्टी की महिला सभा ने इसे गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक तबकों की शिक्षा व आजीविका पर सीधा हमला बताया है।
नोएडा में सड़क से सदन तक संदेश
प्रदेश अध्यक्ष रीबू श्रीवास्तव के निर्देश पर समाजवादी महिला सभा की कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को नोएडा के सेक्टर-19 स्थित सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। बैनर-पोस्टर और नारेबाजी के बीच सरकार से फैसले वापस लेने की मांग उठी। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, पर संदेश तीखा था-“विद्यालय बचाओ, रसोइया बचाओ।”
राज्यपाल के नाम ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा
प्रदर्शनकारियों ने महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में अनुरोध किया गया कि विद्यालय मर्जर व रसोइयों की छंटनी से जुड़े “जनविरोधी निर्णयों” पर तत्काल हस्तक्षेप कर उन्हें निरस्त कराया जाए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि निर्णय लागू रहा तो लाखों बच्चों की पढ़ाई तथा हजारों परिवारों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी।
महिला सभा प्रदेश के हर ज़िले में चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी
प्रदर्शन का नेतृत्व समाजवादी महिला सभा की प्रदेश सचिव बबली शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि महिला सभा प्रदेश के हर ज़िले में चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी। अगर सरकार ने कदम पीछे नहीं हटाए तो लखनऊ तक पैदल मार्च और व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी गई।
महिला पदाधिकारियों ने सरकार पर लगाया आरोप
प्रदर्शन में शामिल महिला पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि “डबल इंजन की सरकार” ग्रामीण व वंचित समाज के बच्चों के बुनियादी शिक्षा अधिकार को सीमित कर रही है। स्कूलों का ज़बरन मर्जर दूरी बढ़ाएगा, नामांकन घटाएगा और ड्रॉपआउट बढ़ने का खतरा पैदा करेगा। वहीं मिड-डे मील से जुड़े रसोइया बहनों की छंटनी से उनके परिवार आर्थिक संकट में आ जाएंगे।
रसोइया बहनों का मुद्दा केंद्र में
इस दौरान कई रसोइया बहनों ने बताया कि वे वर्षों से कम मानदेय में सेवा दे रही हैं। छंटनी न केवल अन्याय है बल्कि बच्चों के पोषण कार्यक्रम पर भी असर पड़ेगा। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि सेवा निरंतरता, उचित मानदेय और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। समाजवादी महिला सभा ने चेताया है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन तेज़ किया जाएगा, ग्राम स्तर से लेकर मंडल और राज्य स्तर तक विरोध कार्यक्रम तय किए जाएंगे। विपक्षी दलों, शिक्षक संगठनों और नागरिक समूहों से समर्थन माँगने की भी योजना है।
नोएडा का यह विरोध सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि राज्यव्यापी असंतोष की झलक है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था और मिड-डे मील कार्यबल पर किसी भी प्रतिकूल नीति को बिना संवाद लागू करना बच्चों और गरीब परिवारों पर दोहरा प्रहार है। महिला सभा ने सरकार से आग्रह किया है कि जनता की आवाज सुने और निर्णय पर पुनर्विचार करे।
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