Greater Noida: IGRS पोर्टल पर फेल हुए विभाग, डीएम ने दिखाई प्रशासनिक तलवार!

- Rishabh Chhabra
- 24 Jul, 2025
ग्रेटर नोएडा के सरकारी विभागों में जन शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) पर जनता की शिकायतों को समय पर और सही ढंग से न निपटाने को लेकर डीएम मनीष कुमार वर्मा ने सख्त रुख अपनाया है। लगातार सख्त निर्देशों के बावजूद कई विभाग शिकायतों के समाधान में लापरवाही बरत रहे हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि जनता लगातार असंतुष्ट फीडबैक दे रही है।
डीएम ने IGRS पोर्टल पर शिकायतों की स्थिति की समीक्षा की
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने हाल ही में आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायतों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने पाया कि जिले के 20 से ज्यादा विभाग ऐसे हैं, जहां 50% से अधिक शिकायतों का समाधान असंतोषजनक तरीके से किया गया है। बैठक में जब यह आंकड़े सामने आए तो डीएम ने गहरी नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को फटकार लगाई।
उन्होंने कहा कि जनता की शिकायतों को हल्के में लेना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीएम ने साफ तौर पर निर्देश दिए कि सभी विभाग लंबित और असंतोषजनक मामलों की समीक्षा करें, और शिकायतकर्ताओं से सीधे संवाद कर समस्याओं का जल्दी समाधान करें।
लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
डीएम ने यह भी कहा कि शासन स्तर पर आईजीआरएस पोर्टल की निगरानी की जा रही है। ऐसे में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में उन्होंने आईजीआरएस प्रभारी अधिकारी को निर्देश दिए कि जिन विभागों में सबसे ज्यादा असंतुष्ट फीडबैक आ रहे हैं, वहां के अधिकारियों का वेतन रोक दिया जाए और उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाए।
जिन विभागों के अधिकारियों का वेतन रोका गया है, उनमें शामिल हैं:
लीड बैंक प्रबंधक
सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) जेवर व बिसरख
सिंचाई विभाग
महिला कल्याण विभाग
पंचायती राज विभाग
औषधि निरीक्षक
आबकारी विभाग
बाट माप विभाग
बाल विकास परियोजना (जेवर)
श्रम विभाग
लोक निर्माण विभाग (PWD)
खेलकूद विभाग
जल निगम ग्रामीण
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
नगर पंचायत जेवर
सामान्य प्रबंधक (उद्योग)
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग (जेवर)
डीएम के इस आदेश के बाद इन विभागों में हड़कंप मच गया है। कई अधिकारी अपनी स्थिति सुधारने में जुट गए हैं ताकि अगली कार्रवाई से बचा जा सके।
जन समस्याओं को हल करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी-डीएम
डीएम ने दो टूक कहा है कि जन समस्याओं को हल करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है, और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई अब नहीं चलेगी। उनके इस कदम को प्रशासनिक सख्ती के साथ-साथ जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में जरूरी माना जा रहा है।
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