Greater Noida प्राधिकरण का एक्शन मोड, अब नहीं होगी बदबू और जलजमाव की समस्या, जानिए कौन-कौन से गांव होंगे साफ़
- Rishabh Chhabra
- 25 Jul, 2025
ग्रेटर नोएडा के सैनी, सुनपुरा, वैदपुरा और सादुल्लापुर गांव में लंबे समय से चल रही सीवर की समस्या का अब स्थायी समाधान होने जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इन गांवों को मुख्य सीवर लाइन से जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया है। यह काम पिछले महीने से शुरू हो चुका है और इसे दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मेन सीवर लाइन से जुड़ेंगे गांव
इन गांवों में कई सालों से सीवर का पानी ओवरफ्लो होने, रास्तों पर गंदा पानी भरने और वातावरण प्रदूषित होने जैसी परेशानियां बनी हुई थीं। इसे देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एन. जी. रवि कुमार ने सीवर समस्या का स्थायी समाधान करने के निर्देश दिए। इसके बाद परियोजना विभाग के वर्क सर्किल-दो ने योजना बनाकर काम शुरू कराया है।
वहीं वरिष्ठ प्रबंधक नरोत्तम सिंह ने बताया कि इस कार्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। इन गांवों को 130 मीटर रोड से गुजर रही मुख्य सीवर लाइन से जोड़ा जा रहा है। पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 5.37 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
गांवों में आएगी बड़ी राहत
ग्रामीणों के लिए यह खबर राहत देने वाली है क्योंकि इस परियोजना के पूरा होने के बाद उन्हें बार-बार सीवर ओवरफ्लो जैसी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा। एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि ”सैनी ,सुनपुरा ,वैदपुरा और सादुल्लापुर की आंतरिक सीवर लाइन को मुख्य सीवर लाइन से जोड़ने देने से गांववासियों को आने वाले समय में बड़ी राहत मिल जाएगी। इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद ओवरफ्लो की समस्या खत्म हो जाएगी । इससे न सिर्फ रास्तों पर गंदा पानी भरने की परेशानी खत्म होगी, बल्कि गांव का वातावरण भी अधिक स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक हो सकेगा।”
स्वच्छता और स्वास्थ्य की ओर कदम
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह कदम इन गांवों को स्वच्छ और बेहतर जीवन देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कार्य की निगरानी नियमित रूप से की जा रही है और समयसीमा के भीतर काम पूरा करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
देखा जाए तो सैनी, सुनपुरा, वैदपुरा और सादुल्लापुर गांव के लिए यह परियोजना एक बड़ी सौगात है। जहां पहले गंदगी और सीवर जाम की शिकायतें आम थीं, वहीं अब दिसंबर 2026 के बाद स्थिति पूरी तरह बदलने की उम्मीद है। यह पहल ग्रेटर नोएडा को स्मार्ट और स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
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