Greater Noida में जलभराव से हादसा, महिलाएं घायल, थोड़ी सी बारिश और बह गया विकास!

- Rishabh Chhabra
- 29 Jul, 2025
एक ओर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के दावे करता है, वहीं दूसरी ओर थोड़ी सी बारिश ने ही इन दावों की जमीनी सच्चाई उजागर कर दी। बारिश के कारण औद्योगिक क्षेत्र ईकोटेक-3 (UK-2) की हालत इतनी खराब हो गई कि पूरा इलाका तालाब जैसा नजर आने लगा। जगह-जगह जलभराव और खुले गड्ढों ने राहगीरों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी।
इसी जलभराव के कारण एक गंभीर हादसा हो गया, जब पानी से भरे गड्ढे में एक महिलाओं से भरा ई-रिक्शा गिर गया। ई-रिक्शा के पलटने से कई महिलाएं चोटिल हो गईं। गनीमत यह रही कि चोटें ज्यादा गंभीर नहीं थीं, लेकिन हादसे ने इलाके की दुर्दशा को उजागर कर दिया।
सड़कों पर पानी, गड्ढे बने जाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के बाद सड़कें लबालब भर गईं और कोई यह समझ ही नहीं पा रहा था कि कहां सड़क है और कहां गड्ढा। जब ई-रिक्शा पानी से भरे गड्ढे में फंसा, तो असंतुलन के कारण पलट गया। ई-रिक्शा में बैठी महिलाएं बुरी तरह घबरा गईं और कई को हल्की-फुल्की चोटें आईं।
नालियों की सफाई नहीं, जिम्मेदार कौन?
लोगों ने बताया कि नालियों की सफाई समय पर नहीं हुई, जिससे बरसात का पानी निकल नहीं पाया और चारों ओर जमा हो गया है। औद्योगिक क्षेत्र होते हुए भी बुनियादी सुविधाओं की यह स्थिति बेहद निराशाजनक है। यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि स्मार्ट सिटी के दावे जलभराव और टूटी सड़कों में बह जाते हैं।
स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा
घटना के बाद स्थानीय नागरिकों और कर्मचारियों में प्रशासन के प्रति नाराजगी देखी गई। उनका कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सिर्फ कागजों में विकास दिखाता है, ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। बारिश के पानी से सड़कों का बुरा हाल हो गया है और आने-जाने वालों की जान खतरे में पड़ रही है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्राधिकरण तुरंत जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त करे, नालियों की नियमित सफाई सुनिश्चित करे और खतरनाक गड्ढों को भरे। साथ ही, जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब लिया जाए कि आखिर इतनी अनदेखी क्यों की जा रही है।
ईकोटेक-3 की ये घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासन के ढीले रवैये की तस्वीर है। जब तक बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक विकास के दावे महज प्रचार बनकर रह जाएंगे।
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