कब मिलेगा छुटकारा? ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर आवारा गोंवंशों का जमावड़ा बना दुर्घटनाओं का कारण

- Nownoida editor1
- 31 Jul, 2025
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा शहर की मुख्य सड़कों पर आवारा गौवंश और नंदी खुलेआम घूमते दिखाई दे रहे हैं, जिससे राहगीरों और तेज रफ्तार वाहनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही नजारा ग्रेटर नोएडा के पंचमुखी हनुमान मंदिर चौराहे से राइज चौकी की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर देखने को मिला, जहां कई गौवंश सड़क के बीचोंबीच खड़े मिले। जिसके कारण वाहन चालकों को धीमी गति से निकलना पड़ा। इस मार्ग से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं, लेकिन इन पशुओं की उपस्थिति से किसी भी समय गंभीर सड़क हादसे की आशंका बनी रहती है।
हर वर्ष करोड़ों खर्च फिर भी समाधान नहीं
प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में सड़क पर भटकने वाले आवारा पशुओं की वजह से दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। कई बार बाइक सवार या कार चालक इन पशुओं से टकराकर घायल हो जाते हैं या जान गंवा बैठते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार गौवंश संरक्षण के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। गौशालाओं के निर्माण से लेकर इनके रखरखाव के लिए सरकारी बजट में विशेष प्रावधान किए जाते हैं। साथ ही कई सामाजिक संस्थाएं और एनजीओ भी सरकारी सहयोग से इन पशुओं की देखरेख के दावे करती हैं। बावजूद इसके सड़कों पर छुट्टा घूमते गौवंशों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।
सरकार की सख्ती का नहीं असर
राज्य सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व एक दिशा-निर्देश भी जारी किया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि यदि किसी पशु मालिक का गौवंश सड़क पर पाया गया, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी और हर्जाना वसूला जाएगा। लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर नहीं दिखता। न तो पशु मालिक जिम्मेदारी ले रहे हैं, न ही प्रशासन ऐसे मामलों में ठोस कार्रवाई कर रहा है।
लापरवाही बड़े हादसे का कारण
इन जानवरों को यह समझ नहीं कि वे कहां खड़े हैं या उनकी उपस्थिति से क्या खतरा हो सकता है, लेकिन इंसानों की जिम्मेदारी जरूर बनती है कि इन्हें सड़क से हटाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। यदि प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि नगर प्रशासन और पशुपालन विभाग ऐसे स्थायी समाधान की ओर कदम बढ़ाए जिससे न केवल सड़क पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके, बल्कि इन निराश्रित पशुओं को भी संरक्षण मिले।
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