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ग्रेटर नोएडा में मियावाकी पद्धति से पौधरोपण, तीन साल में ऑक्सीजन और हरियाली मिलेगी भरपूर

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ग्रेनो प्राधिकरण की पहल पर सेक्टर 10 में हुआ पौधरोपण
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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के सैनी गांव के निकट सेक्टर 10 में मियावाकी पद्धति से पौधरोपण किया गया। बतौर मुख्य अतिथि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और कैच फाउंडेशन व कोवेस्ट्रो इंडिया के प्रतिनिधियों ने पौधे लगाए। अगले तीन साल बड़े हो जाने पर इन पौधों की रंगत दिखेगी। 130 मीटर रोड के किनारे स्थित करीब दो एकड़ एरिया में बनी यह ग्रीन बेल्ट माउंटेन के आकार में दिखेगी। इसमें लगभग 15 हजार पौधे लगाए गए हैं।
तीन लेयर में किया गया पौधरोपण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम संजय कुमार जैन ने बताया कि मियावाकी पद्धति के अंतर्गत इस ग्रीन बेल्ट में तीन लेयर, जैसे केनोपी लेयर, ट्री लेयर और सब ट्री लेयर में पौधरोपण किया गया है। केनोपी लेयर में नीम, शीशम, बरगद, करंज, आम, पारस पीपल, कचनार, पीपल आदि प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं। ट्री लेयर में महोगनी, कैथल, आमला, बेल, जामुन, इमली, अर्जुन, अमलतास, पिलखन, गुलमोहर आदि प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं और सब ट्री लेयर में जामफल, कड़ी पत्ता, सीताफल, नींबू, करौंदा, बंबू, टिकोमा, पारिजात के पौधे लगाए गए हैं।
पौधों की ड्रिप पद्धति से सिंचाई होने से पानी की भी बचत
इन पौधों को सुरक्षित रखने के लिए जालीदार बाउंड्री बना दी गई है। पेड़ों की सिंचाई के लिए ड्रिप पद्धति का इस्तेमाल किया गया है। इसके अंतर्गत पौधों की कतार के बीच से पाइप डाली गई है। उनमें बने छिद्र से पानी का रिसाव होकर पौधों की जड़ों तक पहुंचता रहेगा। इस पद्धति से पानी की खपत भी कम होती है।
कार्बन डाई ऑक्साइड को शोषित करने में कारगर 
सहायक निदेशक उद्यान बुद्ध विलास ने बताया कि मियावाकी पद्धति के अंतर्गत फलदार पौधे रोपित किए गए हैं। बायो-डायवर्सिटी के लिए ये बहुत अच्छे हैं। कार्बन डाई ऑक्साइड को शोषित करने में ये बहुत कारगर हैं। पौधरोपण के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उप निदेशक नथोली सिंह, प्रबंधक मिथलेश कुमार, कैच फाउंडेशन व कोवेस्ट्रो इंडिया की तरफ से भरत सिसोदिया, अंकिता शाह व अन्य मौजूद रहे।

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