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नोएडा में बाढ़ का खतरा: हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया 3 लाख क्यूसेक पानी, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

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Noida:  हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में 3 लाख 29 हजार 313 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गौतमबुद्ध नगर जिले में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिला प्रशासन ने मंगलवार शाम तक यमुना के जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने की आशंका जताई है, जिसके चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। प्रशासन ने डूब क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और राहत कार्यों के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा, यमुना में उफानसोमवार सुबह 9 बजे हथिनी कुंड बैराज से 3,29,313 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया, जो इस मानसून सीजन में अब तक की सबसे बड़ी मात्रा है। यह पानी मंगलवार रात 10 बजे तक नोएडा और दिल्ली के डूब क्षेत्रों में पहुंचने की संभावना है। इसके चलते यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और अनुमान है कि यह 206 मीटर के निकासी स्तर तक पहुंच सकता है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है।

पिछले दो हफ्तों में यमुना का जलस्तर कई बार खतरे के निशान को पार कर चुका है, और इस बार भारी बारिश के साथ बैराज से छोड़ा गया पानी स्थिति को और गंभीर बना रहा है। 2023 में भी 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें 25 से अधिक गांव प्रभावित हुए थे और लगभग 1,600 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई थी।

फार्महाउस और गांवों में पानी घुसायमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण नोएडा के कई फार्महाउसों में पानी घुस चुका है। खासकर सेक्टर-135, सेक्टर-168, और यमुना किनारे बसे गांवों जैसे मंगरौली, छपरौली, गुलावली, मोहियापुर, और झट्टा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यमुना पुश्ता रोड तक पानी पहुंचने की आशंका है, जिससे आसपास के इलाकों में जलभराव की स्थिति और बिगड़ सकती है। पहले भी अगस्त में दो बार जलस्तर बढ़ने से फसलों को भारी नुकसान हुआ था और कई फार्महाउस जलमग्न हो गए थे।

जिला प्रशासन का अलर्ट और एडवाइजरीगौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने डूब क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। नोएडा के सेक्टर-135 और अन्य निचले इलाकों से लोगों और पशुओं को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

जिला प्रशासन ने 20 बाढ़ चौकियां सक्रिय की हैं, जो सदर, दादरी, और जेवर तहसीलों में यमुना और हिंडन नदियों के डूब क्षेत्रों की निगरानी कर रही हैं। इसके अलावा, राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा गया है, और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और पीएसी की टीमें तैनात की गई हैं।
स्कूलों और बारात घरों में राहत व्यवस्थाप्रभावित लोगों के लिए प्रशासन ने स्कूलों और बारात घरों में अस्थायी शरणस्थल बनाए हैं। जेवर में प्राइमरी स्कूल नेवला, प्राइमरी स्कूल झुप्पा, शिव मंदिर भैपुर ब्राह्मणन, अपर प्राइमरी स्कूल फलाईदा बांगर, और जनता इंटर कॉलेज जेवर को बाढ़ चौकियों के रूप में सक्रिय किया गया है। जूनियर हाईस्कूल फलैंदा बांगर में शरणालय बनाया गया है, जहां लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है। सामाजिक संगठनों का सहयोग भी लिया जा रहा है।
जिला प्रशासन ने मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की है। सेक्टर-135 की गौशालाओं से पशुओं को शिफ्ट किया जा चुका है। एडीएम वित्त अतुल कुमार ने बताया कि शिफ्ट किए गए लोगों के लिए भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

हिंडन नदी में भी जलस्तर बढ़ायमुना के साथ-साथ हिंडन नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है, जिससे सेक्टर-123, 118, 115, 143, 143ए, 148, और 150 जैसे क्षेत्रों में जलभराव का खतरा है। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ा दी है और ड्रेनेज सिस्टम की जांच की जा रही है ताकि जलभराव की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

प्रशासन की तैयारियां और चेतावनीजिला प्रशासन ने दावा किया है कि 2023 जैसी भयावह स्थिति को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता बिनोद कुमार ने बताया कि यमुना और हिंडन के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है, और समय-समय पर अपडेट जारी किए जा रहे हैं। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने नाव, गोताखोर, और मोटरबोट्स की व्यवस्था की है ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

जिलाधिकारी मेधा रूपम के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। प्रशासन ने यह भी चेतावनी दी है कि लापरवाही से लोगों की जान और संपत्ति को खतरा हो सकता है।

आने वाली चुनौतियांमौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है। यमुना का जलस्तर मंगलवार शाम तक और बढ़ने के आसार हैं, और यदि बैराज से और पानी छोड़ा गया तो बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है। प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे न जाने और अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर रखने की सलाह दी है।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासियों में 2023 की बाढ़ की यादें अभी भी ताजा हैं, जब हजारों लोग विस्थापित हुए थे। इस बार प्रशासन की तत्परता और समय पर जारी अलर्ट से नुकसान को कम करने की उम्मीद है, लेकिन यमुना का बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय बना हुआ है।

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