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‘मैं अब किसके लिए जीऊंगा... मेरी पत्नी तो पहले ही मर चुकी है’, हॉस्टल में गोली लगने वाले छात्र के पिता की चीत्कार

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Greater Noida: मंगलवार सुबह करीब 5:30 बजे, ग्रेटर नोएडा के बीआईएमटेक में पीजीडीएम के पहले साल के छात्र 23 साल के देवंश चौहान तीन दिन की छुट्टी के बाद कॉलेज वापस जाने के लिए आगरा स्थित अपने घर से निकले.

31 अगस्त को हुए थे रिटायर

शनिवार को उनके घर पर उनके पिता सुरेंद्र सिंह चौहान के रिटायरमेंट की खुशी में एक पार्टी रखी गई थी. सुरेंद्र सिंह चौहान उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स में सर्कल ऑफिसर थे और 31 अगस्त को रिटायर हुए थे. कुछ घंटों बाद, देवंश ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में अपनी जान के लिए लड़ रहा था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

गोली लगने से हुआ था घायल

देवश को गोली लगने से चोट आई थी, जबकि उसका 22 वर्षीय क्लासमेट दीपक कुमार मृत अवस्था में पाया गया. दोनों मंगलवार को अपने कॉलेज हॉस्टल के एक कमरे में मिले थे. पुलिस ने घटनास्थल से एक बंदूक भी बरामद की. उनके पिता के अनुसार, कमरे से बरामद बंदूक उनकी थी. यह उनकी निजी रिवॉल्वर थी. पिता ने कहा कि मैं इसे अलमारी में रखता था और ताला लगा देता था. मुझे नहीं पता कि उसने इसे कब निकाला और अपने साथ ले गया.

घर में सबसे छोटा था देवंश

तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा देवंश ने मथुरा के एक प्राइवेट कॉलेज से बी.टेक किया था और बीआईएमटेक में एडमिशन लेने से पहले वह सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहा था. वह पिछले तीन साल से ग्रेटर नोएडा में रह रहा था.

10 दिन बाद होने वाली थी परीक्षा

सोमवार को उसने तीसरे सेमेस्टर की फीस भी ऑनलाइन जमा कर दी थी, क्योंकि परीक्षा 10 दिन बाद होने वाली थी. कुछ छात्रों के अनुसार, देवंश और दीपक दोनों ही अपने क्लास में टॉपर्स में थे. एक छात्र ने कहा कि यह घटना बॉयज हॉस्टल के पहले फ्लोर पर हुई. तब से कॉलेज ने हमें इस बारे में बात न करने को कहा है. छात्र ने यह भी बताया कि देवंश और दीपक दोस्त थे, रूममेट नहीं. मंगलवार शाम को, आईसीयू के बाहर सुरेंद्र, भाई शिवांग चौहान और चचेरी बहन सृष्टि बैठे थे.

अब किसके लिए जीऊंगा

दुखी पिता ने कहा अब मैं किसके लिए जीऊंगा? मैं पहले ही अपनी पत्नी को खो चुका हूं,” देवंश की मां कोविड की दूसरी लहर के दौरान 2021 में चल बसी थीं. शिवंग ने कहा कि वह हमारे घर के पास टैक्सी स्टैंड से टैक्सी में चढ़ा. शिवंग ने आगे कहा, “मेरा भाई सुबह लगभग 9:30 बजे कॉलेज पहुंचा था और 11:26 बजे सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें (देवश और दीपक) हॉस्टल के कमरे में देखा.” कॉलेज अधिकारियों से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी.

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