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Mahakumbh हादसे के बाद इस अधिकारियों पर गाज गिरना तय, जांच रिपोर्ट में हो सकता हैं सबसे बड़ा खुलासा

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महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम शुक्रवार को प्रयागराज पहुंच गई.
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महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम शुक्रवार को प्रयागराज पहुंच गई. न्यायिक आयोग में शामिल तीनों सदस्यों ने घटनास्थल संगम नोज पर पहुंचकर दौरा किया. इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों से सवाल-जवाब भी किए गए. महाकुंभ के वरिष्ठ पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हादसे के बारे में न्यायिक जांच टीम को पूरी ब्रीफिंग दे दी है. बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन हुई घटना में कुल 30 लोगों की मौत हो गई. वहीं 60 लोग घायल हो गए.

हर पहलू की गहनता से जांच करेगी आयोग की टीम 
जिसके बाद अब न्यायिक जांच आयोग की टीम घटना की तह तक जाने में जुट गई है. अधिकारियों से हादसे को लेकर छोटी- से छोटी जानकारी ली जा रही है. ताकि भगदड़ की असली वजहों का पता लगाया जा सके. इसके साथ ही इन 5 पहलुओं की भी आयोग की टीम गहन जांच करेगी- 


हादसे के कारणों की पहचान- आयोग ये पता लगाएगा कि भगदड़ किन हालातों में और कैसे हुई, क्या इसके पीछे किसी तरह की कोई प्रशासनिक लापरवाही, सुरक्षा में कमी या भीड़ प्रबंधन में खामियां थीं.

भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की जांच- ये देखा जाएगा कि महाकुंभ के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए क्या व्यवस्थाएं की गई थीं और क्या वे व्यवस्थाएं पर्याप्त थीं. साथ ही सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता की भी समीक्षा होगी.

आपातकालीन प्रतिक्रिया और चिकित्सा सहायता- हादसे के बाद आपातकालीन सेवाओं की तत्परता और घायलों को दी गई चिकित्सा सहायता की गुणवत्ता की भी जांच होगी. इसके तहत ये देखा जाएगा कि क्या घायलों को समय पर और उचित इलाज मिला.

प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की भूमिका- आयोग इस बात की भी जांच करेगा कि घटना के समय प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की क्या भूमिका थी और क्या उन्होंने अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन किया या नहीं.

भविष्य के लिए सिफारिशें- आयोग अपनी जांच के आधार पर भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए आवश्यक सिफारिशें भी प्रस्तुत करेगा. जिससे कि आगामी आयोजनों में बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

वहीं इस दौरान आयोग प्रत्यक्षदर्शियों, पीड़ितों, प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के बयान भी दर्ज करेगा, ताकि घटना की समग्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके. हालांकि प्रयागराज में न्यायिक आयोग को विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है.

मृतकों और लापता लोगों के परिजनों ने काटा हंगामा 
स्वरूप रानी अस्पताल में मृतकों के परिजनों ने जमकर हंगामा काटा. मृतकों और लापता लोगों के परिजनों ने न्यायिक जांच आयोग की गाड़ियों को घेराव कर लिया. अधिकारियों की गाड़ियों के सामने उनके परिजन लेट गए. पुलिस की टीम जैसे-तैसे कड़ी मशक्कत के बाद आयोग के सदस्यों को लेकर दौड़कर भागी. बता दें कि महाकुंभ हादसे की ज्यूडिशियल इंक्वायरी के लिए पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया है. पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता भी इस कमेटी में शामिल हैं. रिटायर्ड आईएएस बीके सिंह भी कमेटी का हिस्सा हैं.

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