Mahakumbh में शंकराचार्य के विरोध में आया संत समाज, बाहर करने की उठी मांग, CM योगी के लिए बोली ये बड़ी बात
प्रयागराज के महाकुंभ में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने योगी सरकार पर हमलावर हो गए.
- Amit Mishra
- 04 Feb, 2025
प्रयागराज के महाकुंभ में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने योगी सरकार पर हमलावर हो गए. मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ के लिए शंकराचार्य ने खराब व्यवस्था और सरकार को जिम्मेवार ठहरा दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के नैतिक आधार पर इस्तीफा भी मांग लिया था. जो कि अब शंकराचार्य को महंगा पड़ गया. योगी सरकार को भला-बुरा कहने के बाद अब शंकराचार्य जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद को भविष्य में कुंभ क्षेत्र में स्थान ना देने और वर्तमान समय में कुंभ से बाहर करने की मांग उठने लगी है.
संकल्प सभा का हुआ था आयोजन
दरअसल महाकुंभ के बीच श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास की तरफ से भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि की मुक्ति की मांग उठी. जिसको लेकर प्रयागराज सेक्टर 5 राधा प्रसाद देव जू महाराज के पंडाल में जन जागरण के तहत विराट संकल्प सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में प्रमुख संत, त्रिडंडी स्वामी, महामंडलेश्वर, वैष्णव संतो ने हिस्सा लिया. वहीं संकल्प सभा का शुभारंभ महामंडलेश्वर हरिदास संप्रदाय पीठाधीश्वर राधा प्रसाद देव जू महाराज, अखिल भारतीय दंडी स्वामी परिषद के अध्यक्ष विद्यानंद महाराज, श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार पंडित दिनेश फलाहारी, बसेरा ग्रुप के अध्यक्ष रामकिशन अग्रवाल, भागवत आचार्य बलराम महाराज जी ने भगवान कृष्ण के चित्रपट पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
अविमुक्तेश्वरानंद ने की थी सीएम योगी के इस्तीफे की मांग
संकल्प सभा के दौरान भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि मुक्ति के लिए शंखनाद के साथ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से कुंभ को लेकर भ्रामक बातें की गईं. इसके साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से इस्तीफे तक की मांग कर दी गई. जिस पर आयोजित संकल्प सभा में मौजूद संतों ने निंदा प्रस्ताव पास कर दिया और अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य को भविष्य में कुंभ क्षेत्र में स्थान ना देने और वर्तमान में कुंभ से बाहर करने की मांग हो रही है.
संतों और जनमानस ने 108 बार हाथ उठा कर लिया संकल्प
सभा के दौरान हजारों की संख्या में मौजूद संतों और जनमानस ने 108 बार हाथ उठा कर कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए संकल्प लिया. वेद मंत्रों से ये संकल्प सभा गुंजायमान हो रही थी. चार चरणों में चली संकल्प सभा में हजारों साधु संतों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और संकल्प लिया. इस मौके पर श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री कृष्ण जन्मभूमि केस के पक्षकार पंडित दिनेश फलाहारी ने कहा कि भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण की जन्मभूमि जब तक मुक्त नहीं हो जाती है. अपने परम वैभव को भारतवर्ष प्राप्त नहीं कर सकता है.
कुंभ से बाहर करने और दोबारा शामिल ना करने को कहा
पंडित दिनेश फलाहारी ने आगे कहा कि भगवान राम, कृष्ण भारतवर्ष के हर संत और हिंदू सनातनी की आत्मा में वास करते हैं. जब तक ये स्थान विधर्मियों से मुक्त नहीं हो जाता है. तब तक हम चैन से नहीं बैठ सकते हैं. अपनी तपस्या को बल प्रदान करने के लिए हमने संकल्प के रूप में अन्न का त्याग कर दिया है. जब तक संपूर्ण 13.37 एकड़ जमीन हमारे कान्हा को नहीं मिल जाती, तब तक हम अन्न त्याग कर दृढ़ संकल्पित है. अविमुक्तेश्वरानंद जैसे तथाकथित शंकराचार्य जो कि कुंभ को बदनाम करने का काम कर रहे हैं और हिंदू हृदय सम्राट योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. जनमानस में कुंभ के प्रति लोगों के मन में भय व्याप्त करते हैं. ऐसे लोगों को कुंभ से बाहर कर दिया जाना चाहिए और ऐसे लोगों को भविष्य में इस तरह के अमृत तुल्य महाआयोजनों में स्थान नहीं मिलना चाहिए.
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