PM Modi ने कांग्रेस को भिगो-भिगो कर सुनाया, केजरीवाल की भी खोली फ़ाइल, अखिलेश-डिंपल देखकर सन्न!
लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया.
- Amit Mishra
- 04 Feb, 2025
लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने इशारों ही इशारों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साध दिया. पीएम मोदी ने कहा कि देश में घोटाला ना होने की वजह से भी देश के लाखों करोड़ों रुपए बच जाते हैं, जो कि जनता जनार्दन की सेवा में लगाए गए हैं. हमारी सरकार ने जो अलग-अलग कदम उठाए उसकी वजह से करोड़ों रुपयों की बचत हो गई है. उन बचत किए गए पैसों का इस्तेमाल हमने शीश महल बनाने में नहीं किया है.
देश के विकास में लगाया गया पैसा
पीएम मोदी ने कहा कि देश में घोटाले ना होने के कारण जो पैसे बचे उसका प्रयोग देश को बनाने में किया गया. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट 1 लाख 80 हजार करोड़ था जो कि अब 11 लाख करोड़ रुपए हो गया है. रोड, हाईवे, रेलवे, ग्राम सड़क इन सभी कामों को पूरा करके विकास की एक मजबूत नींव रखी गई है. इसके अलावा सरकारी खजाने में बचत हुई है, वो एक अलग बात है.
25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर आए
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि हम अब 2025 में है. एक तरह से देखा जाए तो 21वीं सदी का 25 फीसदी हिस्सा बीत गया है. अब समय तय करेगा कि 20वीं सदी के आजादी के बाद और 25वीं सदी के प्रथम में क्या हुआ, कैसे हुआ? सारे अध्ययन बार-बार ये कह रहे हैं कि 25 करोड़ देशवासी गरीबी को परास्त करके इससे उबर चुके हैं. 5-5 दशक तक गरीबी हटाओं के नारे सुने. अब गरीबी को मात देकर 25 करोड़ गरीब बाहर निकल आए हैं, तो वे ऐसे ही नहीं निकले हैं. योजनाबद्ध तरीके से, समर्पित भाव और अपनेपन की पूरी संवेदना के साथ जब गरीबों के लिए जीवन खपाया जाता हैं, तब ऐसा हो पाता है.
गरीबों को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास दिया- पीएम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास दिया है. गरीब का दुख, सामान्य मानव की पीड़ा, मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जा सकते हैं. इसके लिए जज्बा होना चाहिए. मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ लोगों में तो ये है ही नहीं. बारिश के दिनों में कच्ची छत, प्लास्टिक की चादर वाली छत, उसके नीचे जीवन गुजारना कितना मुश्किल भरा होता है. पल-पल सपने रौंदे जाते हैं, ये हर कोई नहीं समझ सकता है. अब तक गरीबों को 4 करोड़ घर मिले हैं.
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