Delhi में कैसे बजट ने दी पलट दी सारी बाजी, AAP के रह गए हाथ 'खाली', पढ़ें इस रिपोर्ट में
आखिरकार 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में एक बार फिर बीजेपी की वापसी हो ही गई. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
- Amit Mishra
- 08 Feb, 2025
आखिरकार 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में एक बार फिर बीजेपी की वापसी हो ही गई. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा है. आम आदमी पार्टी को सबसे बड़ा झटका तो पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल की हार से ही लगा है. नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने 3000 से ज्यादा वोटों से हरा दिया है. इतना ही नहीं केजरीवाल के साथ ही मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को भी करारी हार मिली है. हालांकि सीएम आतिशी आप की लाज बचाने में कामयाब रही और बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को हराकर जीत का परचम लहराया.
केजरीवाल ने स्वीकार कर ली हार
बहरहाल आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने अपनी इस हार को स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही केजरीवाल ने वीडियो मैसेज जारी कर कहा है कि आज दिल्ली चुनाव के नतीजे आ गए. जनता का जो भी फैसला है, हमें वो फैसला पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार हैं. जनता का निर्णय सिर-माथे पर. मैं बीजेपी को इस विजय की बधाई देता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि लोगों ने जिस उम्मीद के साथ उन्हें बहुमत दिया है. वे उन उम्मीदों पर खरा उतरें.
मिडिल क्लास को राहत बनी आप की हार
बीजेपी सरकार ने बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स की लिमिट 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दी. जिसका साफ मतलब है कि अगर कोई 12 लाख तक सालाना कमाता है तो उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. देखा जाए तो दिल्ली में मिडिल क्लास की संख्या 45 फीसदी है. इस बार आए चुनाव परिणाम देखकर ऐसा लग रहा है कि बीजेपी की दिल्ली में हुई जीत में मिडिल क्लास का काफी अहम रोल है. जानकारों की मानें तो चुनाव से ठीक पहले बजट में मिडिल क्लास को मिली बड़ी छूट ने बीजेपी को दिल्ली के चुनाव में जीत दिलाई है.
8th पे कमीशन के ऐलान ने भी निभाया अहम रोल
यही नहीं दिल्ली विधानसभा के मतदान से पहले केंद्र सरकार की ओर से एक और बड़ा ऐलान किया गया था. जिसमें केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8th पे कमीशन की गठन की मंजूरी दे दी गई थी. देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ये एक बड़ा ऐलान था, क्योंकि इस ऐलान के बाद कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा हो जाएगा. बीजेपी का ये फैसला भी पार्टी के लिए लाभदायक साबित हुआ है. आपको बता दें दिल्ली में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की कुल संख्या 7 लाख से अधिक है. जबकि देशभर में 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स हैं.
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