Milkypur Seat पर कैसे किया BJP ने 'खेला', सपा की साइकिल को किया वोटर्स ने क्यों 'पंचर', पढ़ें Super Exclusive रिपोर्ट

- Nownoida editor3
- 08 Feb, 2025
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल कर ली है. भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान 60 हजार से ज्यादा मतों से विजयी हुए हैं. जबकि समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद शुरू से पीछे चलते रहे. वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी ये हार स्वीकार कर ली है.
नए चेहरे पर बीजेपी ने खेला दांव
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने पुराने धुरंधरों के बजाय नए चेहरे चंद्रभानु पासवान पर दांव खेला. समाजवादी पार्टी पहले ही सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को इस सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर चुके थे. अवधेश प्रसाद की तरह चंद्रभानु पासवान भी पासी समाज से ही आते हैं. चंद्रभानु रुदौली के परसौली गांव के निवासी हैं. पेशे से वकील चंद्रभानु पासवान रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं. हाल में उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं. बीजेपी की जिला इकाई में कार्य समिति के भी चंद्रभानु सदस्य हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में वह अनुसूचित जाति संपर्क प्रमुख रहे. जबकि चंद्रभानु के पिता बाबा रामलखन दास ग्राम प्रधान हैं.
2 सालों से मिल्कीपुर में एक्टिव थे चंद्रभानु
1986 में जन्मे चंद्रभानु पासवान का पूरा परिवार साड़ी का कारोबार करता है. वे सूरत के अलावा रुदौली में भी साड़ी का बिजनेस करते हैं. गत 2 सालों से चंद्रभानु मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर एक्टिव रहे थे. इसी वजह से मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रमुख दावेदारों में भी शामिल थे. बात करें शैक्षिक योग्यता की तो चंद्रभानु बीकॉम, एमकॉम और एलएलबी की पढ़ाई कर चुके हैं.
कई बड़े दावेदारों को पीछे छोड़ चंद्रभानु बने हकदार
जानकारों का मानना है कि मिल्कीपुर सीट के लिए बीजेपी के टिकट के करीब आधा दर्जन दावेदार थे लेकिन चंद्रभानु ने उन सभी को पीछे छोड़कर बाजी मार ली. इस सीट के दावेदारों में दो पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा और रामू प्रियदर्शी भी थे. इनके अलावा उप-परिवहन आयुक्त सुरेंद्र कुमार को भी टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. दावेदारों में इसी तरह के और भी कई बड़े चेहरे शामिल थे. मगर टिकट के हकदार चंद्रभानु बने.
बीजेपी ने झोंकी चुनाव प्रचार में ताकत
मिल्कीपुर सीट पर सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई मंत्रियों ने जमकर चुनाव प्रचार किया. वहीं सपा ने भी चुनाव प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. अखिलेश यादव, डिंपल यादव समेत तमाम बड़े नेताओं ने अजीत प्रसाद के समर्थन में रैली और जनसभाएं की लेकिन अंत में जीत बीजेपी के खाते में ही आई. बीजेपी की जीत लोकसभा चुनाव में फैजाबाद/अयोध्या सीट पर बीजेपी को मिली हार के बदले के तौर पर देखी जा रही है.
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *