Magh Purnima पर क्या करें दान, क्या नहीं, सब कुछ एक क्लिक में जानें
माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है. इस दौरान माघ माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को माघ पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है.
- Amit Mishra
- 11 Feb, 2025
माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है. इस दौरान माघ माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को माघ पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. वहीं लोग माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहते हैं.
पवित्र नदी में करें स्नान
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक माघी पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों का भी विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए स्नान और दान का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है. इस समय चल रहे महाकुंभ का पांचवां स्नान माघी पूर्णिमा के दिन ही किया जाएगा. इस स्नान को लेकर प्रयागराज महाकुंभ में काफी भारी भीड़ उमड़ने वाली है.
माघी पूर्णिमा के दिन घर पर ही स्नान और पूजा पाठ करके भी महाकुंभ के स्नान में मिलने वाला पुण्य कमाया जा सकता है. आइए जान लेते हैं कैसे-
कब है माघ पूर्णिमा
इस बार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि बुधवार के दिन 12 फरवरी 2025 को पड़ रही है. इसी दिन माघी पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाएगा और इस दिन ही माघी पूर्णिमा का शाही स्नान भी महाकुंभ में होगा.
ऐसे करें घर पर स्नान और पूजन
माघी पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा होती है. मगर अगर आप स्नान के लिए महाकुंभ नहीं जा पा रहे हैं, तो भी आप घर पर ही महाकुंभ के जैसा स्नान करके पुण्य फल प्राप्त कर सकते है. इसके लिए सुबह जल्दी उठकर घर की अच्छे से साफ-सफाई करें. इसके बाद स्नान के लिए नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिला लें और इस पानी से स्नान कर लें. स्नान करते समय मां गंगा का ध्यान करें और इस मंत्र का उच्चारण करें.
पहला मंत्र :
गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति. नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू.
दूसरा मंत्र :
नमामि गंगे! या ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:
ऐसे करें पूजन
मान्यताओं के मुताबिक इस विधि द्वारा घर पर स्नान करने से महाकुंभ या पवित्र नदी में स्नान में किए गए पुण्य जितना ही फल मिलता है. स्नान के बाद पूजन और दान करनी भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं. इसके लिए स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य देव की उपासना करें और अर्घ्य दें. अब माता तुलसी जी को जल अर्पित करें. इसके बाद घर के मंदिर में धूप और दीप जलाकर विधि विधान के अनुसार श्रद्धापूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें और व्रत रखें.
ये करें दान
इसके अलावा जरूरतमंद या गरीब लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुसार दान जरूर करें. इस दिन अन्न, तिल, गुड, गर्म कपड़े आदि दान कर सकते हैं.
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