Premanand Maharaj की भक्तों को चेतावनी: हमारे नाम पर कोई गलत कार्य कर रहा हो तो रहें सतर्क

- Rishabh Chhabra
- 14 Feb, 2025
वृंदावन स्थित श्री हित राधा केली कुंज आश्रम के प्रमुख प्रेमानंद महाराज ने सोशल मीडिया पर एक महत्वपूर्ण सूचना जारी करते हुए अपने भक्तों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके आश्रम की कोई दूसरी शाखा नहीं है और यदि कोई व्यक्ति उनके नाम का उपयोग कर गलत कार्य कर रहा है तो भक्तों को सावधान रहना चाहिए।
भक्तों को सतर्क रहने की अपील
प्रेमानंद महाराज द्वारा जारी इस संदेश में कहा गया है कि आश्रम के नाम का उपयोग करके कुछ लोग गलत गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं। उन्होंने भक्तों को आगाह किया कि सभी सही जानकारी केवल आश्रम के सेवा भवन या आधिकारिक पूछताछ केंद्र से ही प्राप्त करें।
महत्वपूर्ण बिंदु: क्या नहीं करता आश्रम?
कोई दूसरी शाखा नहीं: श्री हित राधा केली कुंज आश्रम, वृंदावन की कोई भी अन्य ब्रांच नहीं है।
कोई भूमि विक्रय नहीं: आश्रम फ्लैट, प्लॉट, भवन निर्माण या किसी भी प्रकार की संपत्ति का विक्रय नहीं करता।
होटल-रेस्टोरेंट नहीं: आश्रम के नाम से किसी भी प्रकार का होटल, यात्री विश्राम स्थल, चिकित्सालय, गुरुकुल, विद्यालय संचालित नहीं होता।
गौशाला नहीं: प्रेमानंद महाराज के आश्रम की कोई भी गौशाला नहीं है।
कोई धार्मिक सामग्री विक्रय नहीं: आश्रम किसी भी प्रकार की कंठी-माला, छवि, पूजा सामग्री आदि की दुकान (ऑनलाइन या ऑफलाइन) नहीं चलाता।
कोई विज्ञापन नहीं: आश्रम द्वारा किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार या विज्ञापन नहीं किया जाता।
भक्तों से अनुरोध: झूठे दावों से बचें
प्रेमानंद महाराज ने अपने भक्तों से अपील की कि वे झूठे प्रचार, फर्जी स्कीमों और धोखाधड़ी से बचें। यदि कोई व्यक्ति उनके नाम पर भक्तों को गुमराह करने या आर्थिक लेन-देन करने की कोशिश करता है, तो उसकी सूचना तुरंत आश्रम के सेवा भवन को दें।
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय
यह सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और वृंदावन में इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है। भक्तों का मानना है कि कुछ लोग महाराज जी के नाम का गलत उपयोग कर रहे हैं और इस चेतावनी से कई भोले-भाले लोगों को ठगी से बचाया जा सकता है।
प्रेमानंद महाराज का यह संदेश स्पष्ट करता है कि उनका आश्रम केवल धार्मिक और आध्यात्मिक सेवाएं प्रदान करता है और किसी भी प्रकार के व्यावसायिक कार्यों में संलग्न नहीं है। भक्तों को कोई भी निर्णय लेने से पहले आश्रम के आधिकारिक स्रोतों से सत्यापन करने की सलाह दी गई है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *