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Noida पुलिस ने झूठी खबर चलाने के नाम पर फिरौती मांगने का मामला, कोर्ट में पेश किया गया आरोप पत्र, तीनों के खिलाफ दर्ज हैं इतने मुकदमे

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नोएडा के थाना बीटा-2 पुलिस ने झूठी खबर चलाने और हत्या की धमकी के मामले में कार्रवाई की है। पुलिस ने अब इस मामले में आरोपियों के गवाही और सबूतों को न्यायालय में पेश कर दिया है। बता दें कि थाना बीटा-2 पर 20 जनवरी को पीड़ित ने तहरीर देकर तीन लाख रूपया प्रति माह फिरौती लेने एवं ना देने पर डरा धमका कर चैनल/पोर्टल पर झूठी खबर चलाने व शूटर भेजकर हत्या करा देने की धमकी देकर 10 लाख रूपये फिरौती के रूप में लिये जाने का मामला दर्ज कराया था। 

पुलिस द्वारा की गई ये कार्रवाई 

इस मामले में अभियुक्त पंकज पाराशर पुत्र राजकरण पाराशर वर्तमान निवासी सीनियर सिटीजन सोसाइटी, सेक्टर पाई-2, थाना बीटा-2, गौतमबुद्धनगर मूल पता ग्राम सिंघावली अहीर, थाना सिघांवली अहीर, जनपद बागपत के विरूद्ध मु0अ0सं0 32/25 धारा 308(5) बीएनएस पंजीकृत कराया गया था। मामले में जांच करते हुए कार्रवाई के दौरान मिले सबूतों के आधार पर धारा 317(2)/61(2) की बढ़ोतरी करते हुए सह अभियुक्तगण देव शर्मा पुत्र भीष्म देव शर्मा निवासी वेदपुरा, थाना ईकोटेक-3 गौतमबुद्धनगर, अवधेश सिसोदिया पुत्र सतपाल सिसोदिया निवासी डेल्टा-1, थाना सूरजपुर, गौतमबुद्धनगर के नाम प्रकाश में आने पर अभियुक्तगण के नाम की वृद्धि की गयी थी। इन आरोपियों को 21 जनवरी को न्यायिक अभिरक्षा अंतर्गत धारा 308(5)/317(2)/61(2) बीएनएस में भेजा गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण का रिमांड अंतर्गत धारा 308(5)/61(2) बीएनएस में स्वीकार किया गया। दिनांक 27.01.2025 को मुकदमा की विवेचना अपराध शाखा, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर स्थानान्तरित की गयी थी। 

आरोपियों के खातों में 1 करोड़ से अधिक का हुआ लेन-देन 

इस मामले की जांच के दौरान पाया गया कि अभियुक्तगण का एक शातिर एवं संगठित गिरोह हैं। जो पत्रकारिता की आड़ में अपने पद का प्रभाव एवं शातिर गैंग लीडर रवि काना के अपराधिक वर्चस्व का भय व अन्य भय दिखाकर समाज के सामान्य आम लोगों से अनुचित एवं अवैधानिक रूपयों की मांग/फिरौती के रूप में करते है और अनैतिक रूप से रूपयों की वसूली करते है। जिनके द्वारा इस प्रकार समाज के लोगों को डरा धमकाकर एवं जान से मारने की धमकी देने के भय में डालकर व अन्य भय दिखाकर अनैतिक रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति/रूपयो को कानूनी रूप में परिवर्तित करने के लिए एक दूसरे की कम्पनियों के बैंक खाते एवं निजी बैंक खातो में व अपने सहयोगी लोगों के माध्यम से प्रयोग किया गया है। इस गैंग का मुख्य लीडर रवि काना उर्फ रविन्दर नागर है। इस मामले की जांच के दौरान पता चला कि अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह है, जिनके लोगों द्वारा अपनी कम्पनियों एवं निजी बैंक खातों के माध्यम से करीब 1,86,67,66,683 (186.6766683 करोड़) रूपयों का लेन-देन संदिग्ध होना पाया गया है।

पुलिस ने कोर्ट में पेश किए सभी दस्तावेज 

वहीं पूरे मामले की जांच पड़ताल के आधार पर बयान वादी, निरीक्षण घटना स्थल, बयान गवाहान एवं बयान अन्य पीड़ित गवाहों एवं अभियुक्तों के कब्जे से बरामद धनराशि अभियुक्त पंकज पाराशर के कब्जे से 3.30 लाख रूपये और देव शर्मा व अवधेश सिसोदिया के कब्जे से 1.50 लाख रूपये बरामद हुए, जो धारा 317(1/2) बीएनएस की परिधि के अंतर्गत है, जो धारा 317(2) बीएनएस के अपराध के पर्याप्त साक्ष्य है। इस प्रकार आरोपियों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने पर अभियुक्तगण पंकज पाराशर, देव शर्मा, अवधेश सिसोदिया का चालान द्वारा आरोप पत्र अन्तर्गत धारा 308(5)/317(2)/61(2) बीएनएस में 13 फरवरी को माननीय न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है।

इसके तहत पंकज पाराशर के खिलाफ 6, देव शर्मा पर 9 और अवधेश सिसोदिया के खिलाफ 3 मुकदमे जनपद गौतमबुद्धनगर के विभिन्न थानों में दर्ज हैं।

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