Mahashivratri पर भूल के भी शिवलिंग पर ना चढ़ाएं ये चीज नहीं तो अनर्थ हो जाएगा!
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत विशेष महत्व होता है. ये दिन बाबा भोलेनाथ को समर्पित होता है.
- Rishabh Chhabra
- 18 Feb, 2025
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत विशेष महत्व होता है. ये दिन बाबा भोलेनाथ को समर्पित होता है. महाशिवरात्रि का पावन पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है. इस दिन भक्त बाबा भोलेनाथ की धुन में रमे रहते हैं. इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को धूमधाम से मनाई जाएगी.
ये चीजें शिवलिंग पर ना करें समर्पित
महाशिवरात्रि के दिन भक्त अपने आराध्य देव बाबा भोलेनाथ के प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय चीजों का भोग उन्हें लगाते हैं. बाबा को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाकर अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं. वहीं कुछ ऐसी भी वस्तुएं होती हैं जिन्हें बाबा भोलेनाथ पर चढ़ाना वर्जित माना जाता है. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि इन दिन किन वस्तुओं को बाबा भोलेनाथ को समर्पित नहीं करना चाहिए, जिससे भगवान हमसे रुष्ट ना हों.
तुलसी
पौराणिक कथा के मुताबिक तुलसी को श्रापित माना गया है. कहा जाता है कि तुलसी का नाम वृंदा था, जो कि एक राक्षस की पत्नी थी. तुलसी के पति का भगवान शिव ने वध कर दिया था, इसी वजह से भगवान शिव को तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है. ऐसे में भगवान शिव को तुलसी कभी भी नहीं चढ़ानी चाहिए.
सिंदूर
धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान शिव को सिंदूर लगाना वर्जित है. सिंदूर सुहाग की निशानी होता है और भगवान शिव संहारक या विध्वंसक माने जाते हैं. इसी वजह से शिवलिंग पर सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता है.
टूटा हुआ चावल
शिवजी की पूजा में चावल के दाने जिसे अक्षत कहते हैं, बहुत शुभ माना जाता है लेकिन शिव पूजा में टूटे हुए चावल को कभी भी अक्षत के रूप में इस्तेमाल ना करें और न ही शिवलिंग पर चढ़ाएं.
गुड़हल का फूल
भगवान शिव को वैरागी कहा जाता है और गुड़हल का फूल भाग्य का प्रतीक होता है. भगवान शिव को गुड़हल फूल लाल रंग के कारण नहीं चढ़ाया जाता है.
हल्दी
हल्दी को स्त्री का प्रतीक मानते हैं. इसी कारण हल्दी को भगवान शिव पर नहीं चढ़ाया जाता है. महाशिवरात्रि के शुभ मौके पर भूलकर भी शिवलिंग पर हल्दी ना चढ़ाएं.
नारियल
हिंदू धर्म में नारियल को लक्ष्मी का प्रतीक होता है और लक्ष्मी जी का संबंध भगवान विष्णु से है. इसी कारण भगवान शिव के पूजा में नारियल या नारियल पानी का इस्तेमाल करना भी वर्जित होता है.
केतकी का फूल
हिंदू धर्म में केतकी का फूल श्रापित फूल है. इस फूल को भगवान शिव जी ने श्राप दिया था. इसी वजह से केतकी के फूल को भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता है और ना ही शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है.
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