नोएडा NCR में वाहन चोरी करने वाले गिरोह का किया खुलासा; 6 शातिर चोर 7 कारों के साथ गिरफ्तार, मुठभेड़ में एक को लगी गोली
- Shiv Kumar
- 03 Mar, 2025
Noida: थाना सेक्टर 49 नोएडा पुलिस टीम द्वारा पुलिस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा एनसीआर में कार चोरी करने गिरोह का पर्दाफाश किया है। इसके साथ ही गिरोह के 6 शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें से तीन को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने चेकिंग के दौरान रोका तो करने लगे फायरिंग
डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि शनिवार और रविवार की रात्रि में थाना सेक्टर 49 पुलिस को चेकिंग के दौरान सेक्टर 76 मेट्रो स्टेशन के पास एसेन्ट गाड़ी आती दिखाई दी। जिसको रूकने का इशारा किया गया तो तेजी से गाड़ी को भगाने लगे। पुलिस ने पीछा किया कार में उतरते हुए फायर किया गया। इस पर पुलिस ने जवाबी फायरिंग की तो एक बदमाश गोली लगने से घायल हो गया। जिसकी पहचान सोनू (27) निवासी हापुड़ के रूप में हुयी है। जबकि इसके साथ ही पवन कुमार (31) और रघुवंश (27) निवासी मेरठ को कॉंबिग के दौरान गिरफ्तार किया है। डीसीपी ने बताया कि इनके कब्जे से 01 एसेन्ट कार, कार चोरी सम्बन्धित 3 इलैक्ट्रोनिक डिवाइस, 1 आरसी, 2 अन्य गाड़ियों की चाबियां व एक तमंचा .315 बोर मय एक खोखा कारतूस व जिन्दा कारतूस बरामद हुये।
मुठभेड़ में गिरफ्तार आरोपियों ने खोला गिरोह का राज
डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ पर जानकारी हुई कि उनके द्वारा चोरी की गयी अन्य कार व उनके साथी एक अन्य जगह पर उनका इंतजार कर रहें है। इसके बाद गिरफ्तार चोरों की निशादेही पर गुरमीत सिंह (55), सतीश (40) और अमित (35) को 6 चोरी की कार, 1 हेडलाइट, 01 सोकर (होन्डा सिटी कार), 6 फर्जी नम्बर प्लेट, 3 अन्य गाड़ियों की चाबियाँ व 01 पैचकस सहित गिरफ्तार किया गया है। आरोपी शातिर किस्म के चोर है, इनके द्वारा नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर में काफी कार चोरी की घटनायें की गयी है। इनके ऊपर एक दर्जन से अधिक चोरी के मुकदमें दर्ज है।
गाड़ी को चोरी करने से पहले करते थे रेकी
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में सोनू ने
बताया कि वह गाड़ी को चोरी करने से पहले रेकी करते हैं। जब यह पुख्ता हो जाता है कि
गाडी के आसपास सीसीटीवी या कोई सिक्योरिटी गार्ड मौजूद नही है। इसके बाद अपने अन्य साथी अमित, पवन कुमार, रघुवंश को साथ
लेकर रात्रि में उस गाड़ी के पास जाते
हैं। पहले से बदली हुयी फर्जी नम्बर प्लेट की अपनी ड़ी को चोरी के लिये टार्गेट की
गयी गाडी के बगल में सटाकर खड़ी कर देते हैं। इसके बाद सोनू पेंचकस
से गाडी के गेट के लॉक को खोलकर अन्दर बैठ जाता है। उसके पास मौजूद
अन्य साथी अन्य इलेक्ट्रानिक टूल्स से गाड़ी के सैंसर व गाडी को स्टार्ट करने की
प्रक्रिया को 04-05 मिनट के अन्दर
कम्पलीट कर लेते है। जिसमें अमित,
रघुवंश व पवन आसपास लोगों की निगरानी रखतें है। इसके बाद
गाड़ी को चोरी कर फरार हो जाते हैं। इसके बाद गाड़ी को अपने साथी सतीश के गोदाम व उसके द्वारा बतायी गयी जगहों पर
छिपा देते है। इसके बाद ग्राहक
मिलने पर गाड़ी को बेच देते हैं। यदि कोई गाड़ी नहीं बिकती है तो गुरमीत सिंह के
यहाँ कटवा देते है। इन काम से मिले पैसे यह लोग
आपस में काम के हिसाब से बांट लेते है। अब तक काफी गाड़ियां चोरी की है।
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