नोएडा: नोएडा पुलिस द्वारा फर्जीवाड़े का भंड़ाभोड़ लगातार जारी है। नोएडा पुलिस ने फर्जी एसपी और जिला कलेक्ट्रेट बनकर लोगों को फोन के माध्यम से पुलिस कार्यवाही के नाम पर हजारों ऐंठने वाले गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है।

UP COP एप से डाटा डाउनलोड कर करते थे ठगी

सोशल मीडिया पर दो दिन पहले एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति ने फर्जी अधिकारी बनकर वादी से पैसे की मांग की थी। जिसकी सूचना लगते ही नोएडा सेक्टर-63 पुलिस ने मामला दर्ज करके एक्शन लिया और धीरेंद्र नाम के आरोपी को ओरछा मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया। जोकि सिर्फ 9वीं पास है। शुरुआती जानकारी में सामने आया कि ये गैंग यूपी कॉप एप पर मिलने वाली एफआईआर को डाउनलोड करता था। गैंग के लोग एफआईआर कॉपी का डाटा कलेक्ट लेकर अपने मूल निवास से दूर स्थित ऐसे मुकदमें चुनते थे, जिनपर गिरफ्तारी कोर्ट के आदेश से नहीं की जाती है जैसे 366 के मुकदमें। इस तरह के मुकदमों को शीघ्र कराने के नाम, खर्चा-पानी के नाम पर और कभी किसी अन्य वजह से वादी से पैसे लेते थे।

3 से 5 हजार की करते थे मांग

डीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि मुकदमें के हिसाब से ये गैंग वादी से 3 से 5 हजार रुपए की मांग करता था। ये लोग कभी खुद को जिला कलेक्टर तो कभी पुलिस कर्मी बताते थे। बीते एक साल से ये लोग यही काम कर रहे थे। इन्होंने नोएडा और गाजियाबाद में भी पीड़ितो से कार्यवाही के नाम पर ठगी की है।

सिम के लिए दुकानदार को देते थे 20 प्रतिशत हिस्सा

ये शातिर गैंग कभी वादी को अपने नंबर से कॉल नहीं करता था। एक लोकल दुकान में पुष्पेद्र नाम के व्यक्ति से साठ-गांठ करके, अन्य एक्टिव सिम के जरिए वादी से बात की जाती थी। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी वांछित बताई गई है।

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