लोकसभा चुनाव 2024 के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) को झारखंड में बड़ी कामयाबी मिली है। प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड की राजधानी रांची में कई जगहों पर छापेमारी की। जहां ईडी को नोटों की गड्डियां नहीं, बल्कि नोटों का पहाड़ मिला है। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर में ईडी ने भारी नकदी जब्त की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये नगदी करीब 25-30 करोड़ रुपये है। इस रकम को गिनने के लिए, बैंक अधिकारी यहां नोट गिनने वाली मशीनों के साथ पहुंचे हैं।

क्यों हुई ईडी की छापेमारी?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार को एक सीक्रेट लेटर लिखा था और इसी मामले में एफआईआर भी दर्ज करने को कहा था। इन पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि इन भ्रष्ट अधिकारियों के साथ पत्र साझा किए गए। ईडी द्वारा नकदी बरामदगी के साथ ही ऐसा ही एक पत्र भी मिला है।

ईडी के मुताबिक, बरामद की गई रकम ब्लैक मनी है। दरअसल, ये सारा मामला ईडी के एक 10 हजार रुपये रिश्वत के मामले की जांच से शुरु हुआ। उसी दौरान ईडी को कुछ ऐसी कड़ियां मिली, जिसके तार मंत्री तक जुड़ते नजर आए। ईडी को जानकारी मिली थी कि आलमगीर आलम के मंत्रालय में भ्रष्टाचार चल रहा था और ये पैसा नौकरों के घर पर जा रहा था। इसके बाद ईडी ने आलमगीर के निजी सचिव के नौकर के घर पर छापेमारी की। छापेमारी में मिली रकम देखकर ईडी के ऑफिसर हैरान रह गए।

कौन हैं आलमगीर आलम?
आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे हैं। वो वर्तमान में राज्य सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे। उन्होंने आलमगीर ने सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीति में प्रवेश किया। साल 2000 में वो पहली बार विधायक बने। जिसके बाद तब से लेकर अब तक वो 4 बार विधायक बन चुके हैं।

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