एनसीपी नेता बाबा सिद्दिकी की शनिवार रात को हुई हत्या ने महाराष्ट्र की राजनीति और बॉलीवुड को हिलाकर रख दिया है. बाबा सिद्दकी राजनीति के साथ ही बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ थी। सलमान और शाहरुख जैसे बड़े स्टार भी इनके करीबी थे। ऐसे में आईए जानते हैं कि बाबा सिद्दकी कौन हैं और इस मुकाम तक कैसे पहुंचे थे। दरअसल, बिहार के गोपालगंज जिले के मांझा शेख टोली के रहने वाले बाबा सिदद्की के पिता  अब्दुल रहीम सिद्दीकी 10 साल की उम्र में कलकत्ता कमाने गए। वहां मन नहीं लगा तो दो साल बाद मुंबई आ गए। यहां अब्दुल रहीम को दूर के रिश्तेदार असरार सिद्दीकी का सहयोग मिला। जिसके बाद शांताक्रूज में कमरा लेकर रहने लगे। पहले कुछ दिनों तक फेरी लगाने के बाद बाद “रेड वाच एण्ड रेडियो रिपेयरिंग हाउस” के नाम से एक दुकान खोल लिया। इस दौरान अब्दुल की शादी हो गई और उनके घर बाबा सिद्दीकी का जन्म हुआ।

शुरू में पिता के धंधे में बंटाते थे हाथ
बाबा सिद्दीकी का जन्म हुआ तो रहीम की दुकान चल पड़ी। बाबा सिद्दिकी जब मुश्किल से चार साल के थे, तब उनके पिता रहीम ने बांद्रा पश्चिम में अपना मकान ले लिया। यहीं पूरी बॉलीवुड बसती है। धीरे-धीरे बाबा सिद्दीकी भी समझदार हुए। पढ़ाई के साथ पिता के धंधे में हाथ बंटाने लगे। दिनों तक पिता के धंधे में हाथ बंटाने के बाद अपना चाइनीज फास्ट फूड का ठेला भी लगाने लगे। ठेला लगाते-लगाते मैट्रिक की परीक्षा भी पास कर ली।

छात्रों के लिए बनाया संगठन और हो गए फेमस
वर्ष 1977 में इंटरमीडिएट पास होने के बाद कॉलेज में नामांकन के साथ ही छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़ा और राजनीति की ओर पहला कदम बढ़ा दिया। 1980 में अध्यक्ष की रेस में आया, लेकिन, सफलता नहीं मिली। इसके बाद अपना एक निजी संगठन बनाया, जो छात्रों के हित में पूरे महाराष्ट्र में काम करने लगा। इस संगठन के माध्यम से महाराष्ट्र के विभिन्न कॉलेजों में छात्र संघ का चुनाव लड़वाते और अपने समर्थक छात्रों को जितवाते। यहीं बाबा का राजनीतिक जड़ महाराष्ट्र में गहरा होने लगा। इसके बाद सिद्दीकी मुंबई युवा कांग्रेस का महासचिव बने और फिर फिल्म अभिनेता और कांग्रेस नेता सुनील दत्त के संपर्क में आये। इसके बाद बाबा सिद्दीकी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार मुंबई के बांद्रा पूर्व से तीन बार विधायक बने और राज्यमंत्री बनाया बने।

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