Sambhal: संभल जामा मस्जिद सर्वे के दौरान इतना बड़ा बवाल हुआ की वो अभी भी संभाले में नहीं आ रहा है। 5 लोगों की मौत के बाद मानों संभल ग़मगीन हो। हर तरफ बस सन्नाटा पसरा हुआ है। आवाजाही तो हो रही है लेकिन कुछ मोहल्ले ऐसे है जहां पर सड़के अभी तक सूनी पड़ी हुई हैं। बहुत सारे घरों पर ताले लग गए हैं। लोग अपने घरों को छोड़ कर जा चुके हैं। जिन पांच लड़कों की जान गई, उनमें से ज़्यादातर लोग वो हैं जिनका इस बवाल से कोई लेना देना नहीं था। ऐसा इन परिवार वालों ने दावा किया है। वो अपने किसी काम या कारोबार के लिए घर से निकले थे और इस बवाल की चपेट में आकर जान गँवा बैठे। इन्ही मरने वाले पांच लोगों में से एक लड़का है नईम जिसकी गोली लगने से मौत हो गयी थी। नईम के घर पर इस वक़्त गमों का पहाड़ टूटा हुआ है। घरवालें बस नईम को याद करके आंसू बहा रहे हैं और अफ़सोस करके बस एक ही बात कह रहे हैं कि उनके घर के लाल की मौत हुई, आखिर उसकी गलती क्या थी। नईम का इस घटनाक्रम में कोई रोल नहीं था। ये बात नाउ नोएडा से बात करते हुए उसके भाई ने कही।

नईम की माँ का दिमागी संतुलन हुआ ख़राब

पुलिस और पब्लिक की झड़प के बीच में अपने बेटे को खो चुकी इस एक माँ ने अब अपने दिमागी संतुलन को ही खो दिया है। बताया जा रहा है कि ये माँ अपने बेटे को ढूढ़ने के लिए बार बार घर के बाहर निकल जाती है और नईम को आवाज़ देती हुए गली से मेन सड़क पर पहुंच जाती है। बार-बार इसको घर के अंदर पकड़कर लाया जाता है। इस माँ को अभी कुछ होश ही नहीं है, सिर्फ अपने बेटे को पुकारती रहती है। कौन क्या कर रहा है, क्या कह रहा है इसकी खबर ही नहीं है। जब तक इस महिला ने अपना दिमागी संतुलन नहीं खोया था, तब तक ये पुलिस को अपने बेटे की मौत का ज़िम्मेदार मानती थी और साफ साफ़ बेटे की मौत का आरोप पुलिस पर लगा रही थी लेकिन अब ये महिला अपना होश खो चुकी है।

चार बच्चों को पीछे छोड़ गया नईम

बताया जा रहा है की नईम के छोटे छोटे 4 बच्चे हैं। जो अपने पिता को बार-बार पुकारते हैं। छोटा बेटा महज़ 3 से 4 साल का है, जो अपने पिता के हाथ से ही खाना खाता था। पड़ोसियों ने बताया की ये बच्चा कई वक़्त भूखा रहा क्योंकि खाना खिलाने वाला बाप, अब इस दुनिया में नहीं है। इससे बड़े बच्चे भी अभी इतने बड़े और समझदार नहीं हैं, जो घर को संभाल सकें। बच्चों का अपने पिता को याद करके बुरा हाल है। नईम की बीवी भी ज़्यादा पढ़ी लिखी नहीं है, जो कोई नौकरी वगैरह कर ले। घर को चलाने की ज़िम्मेदारी नईम पर ही थी। अब उसके घर पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा है। घरवालों को बच्चों के भविष्य के साथ-साथ उनके पालन-पोषण की भी चिंता सता रही।

भाई ने लगाए प्रशासन पर दबाव डालने के आरोप

नईम के छोटे भाई ने पुलिस प्रशासन पर इलज़ाम लगाए हैं कि पुलिस ने मुक़दमा क़ायम करने और पुलिस का नाम लेने के लिए उनपर दबाव डाला है। उन्होंने बताया की उनसे जबरदस्ती कागज़ पर अंगूठा लगवा लिया गया। नईम के भाई तस्लीम ने बताया कि पुलिस ने उनको मीडिया से बात न करने की धमकी दी है। साथ ही ये भी कहा की देखते है मीडिया कब-तक तुम्हारा साथ देगी। नईम के पड़ोसी भी इसी बात को कहते हुए नज़र आए कि पुलिस उनपर लगातार दबाव बना रही है और पुलिस का नाम न लेने के लिए धमका रही है।

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