Lucknow: उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत सीएम योगी को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। प्रदेश में रीयल एस्टेट से संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए गठित उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने पिछले पांच वर्षों से अब तक कुल 50666 प्राप्त शिकायतों में से 43929 शिकायतों का निस्तारण कर पूरे देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह आंकड़ा देश में कुल रेरा शिकायतों के समाधान का लगभग चालीस प्रतिशत है। शिकायतों के प्राप्त होने के बाद यूपी रेरा ने सभी शिकायतों की सुनवाई कर उन्हें रियल एस्टेट (नियमन और विकास) अधिनियम 2016 के नियमों के अधीन जांच कर और नियमानुसार कार्यान्वयन आदेशों का अनुपालन करवाकर सीएम योगी की मंशा के अनुरूप शिकायतकर्ताओं के हितों की सुरक्षा करने का उत्तरदायित्व निभाया।

सकारात्मक वातावरण का निर्माण
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि देश भर के रेरा के लिए यूपी रेरा ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यदि भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र को विकसित करना है तो होम बायर्स और प्रोमोटर्स दोनों की समस्याओं को जल्द निस्तारित कर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना होगा। यूपी रेरा इस क्षेत्र में इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए नए कदम उठाने की तैयारी कर रहा है और आने वाले समय में होम बायर्स के अधिक और शीघ्र शिकायत निस्तारण की सुविधा प्राप्त होगी। यूपी रेरा के गठन के बाद उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिला है। यूपी रेरा ने बहुआयामी प्रयास कर प्रोमोटर्स को उनकी जिम्मेदारियों और ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। इसका परिणाम सकारात्मक रहा और यूपी रेरा में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज भी हुईं और निस्तारित भी।

एनसीआर क्षेत्र में सर्वाधिक शिकायतों का समाधान
उत्तर प्रदेश रेरा को सर्वाधिक शिकायतें एनसीआर क्षेत्र में प्राप्त हुई हैं और सर्वाधिक निस्तारण भी यही हुआ। इस क्षेत्र में अब तक कुल 38619 शिकायतें दर्ज हुईं जिनमें 33211 का निस्तारण कर दिया गया। टॉप 10 जिलों की बात करें तो गौतमबुद्धनगर में सर्वाधिक 30713 शिकायतें मिलीं जिनमे से 26453 का निस्तारण सुनिश्चित किया गया। यानी 86.13% शिकायतों का समाधान किया गया। इसी तरह, लखनऊ में 89.15%, गाजियाबाद में 84.57%, वाराणसी में 94.57%, मेरठ में 91.57%, आगरा में 80%, कानपुर नगर में 94.16%, बाराबंकी में 90.55%, प्रयागराज में 77.57% और मथुरा में 74.85% शिकायतों का समाधान किया गया।

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