गुजरात के राजकोट में गेमिंग जोन में 27 मौतों के बाद यूपी अलर्ट मोड पर है। इसके साथ ही नोएडा के किड्ज गेमिंग जोन का गौतमबुद्धनगर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने प्रदीप कुमार चौबे ने निरीक्षण किया। इस दौरान गेमिंग जोन की सुरक्षा व्यवस्था को बारीकी से जांचा-परखा भी गया। इसके साथ ही अग्निशमन विभाग, मनोरंजन अधिकारी, विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर जिले के सभी गेमिंग जोन में जांच अभियान अभियान चलाया गया। दो दिन चले जांच अभियान में सामने आया है कि नोएडा के 27 में चार गेमिंग जोन बिना फायर एनओसी के खिलाफ चल रहे थे। चारों गेमिंग जोनों के संचालकों को मंगलवार को नोटिस दिया गया है। बुधवार को सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है।

इन मॉल के गेमिंग जोनों का किया गया निरीक्षण
जिले में सेक्टर-18 स्थित माल आफ इंडिया, सेक्टर-38ए स्थित जीआइपी, फन सिटी, स्पेक्ट्रम माल, स्मैश, टिंगलैंड, मिरर मांज, स्नोवल्ड, द हिंडन आवर, वेदा एंडवचैर, पीवीआर लाजिक्स, मिस्टीरियस रुमस, नोएडा प्ले बॉक्स, टाइम जोन, कोड ब्रेक नोएडा, अप्पू घर एक्सप्रेस सहित नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई शापिंग मॉल में गेमिंग जोन है। मंगलवार को नोएडा के ब्लू सफायर मॉल स्थित अमीबा गैलेक्सी, सेक्टर-129 स्थित स्मैश गुलशन मॉल, सेक्टर-132 स्थित रोहिल्लापुर में क्लाइंब सिटी, गौर सिटी माल स्थित टाइम जोन, हैमलेस, ईस्ट लंदन टायज, एलइडी किड्स, रिले एंड पार्टी कार्निवल गैलेक्सी, ग्रेटर नोएडा के ग्रैंड वेनिस माल स्थित स्काई वाक, स्नो मस्ती, मस्ती ट्रैंपोलिन पार्क, ग्रेटर नोएडा के ओमेक्स कनाट प्लेस स्थित आमोद का निरीक्षण किया गया।

बिना अनुमति चल रहे 4 गेमिंग जोन बंद
अग्निशमन विभाग की ओर से जांच में सामने आया है कि जिले में 27 गेमिंग जोन हैं। इनमें चार बिना अनुमति के चल रहे थे। सेक्टर-41 डायमंड, सेक्टर-104 स्थित हिंग, सेक्टर-75 स्थित स्पेक्ट्रम माल और गौर सिटी माल के अंदर एक गेमिंग जोन बिना अनुमति संचालित होता मिला है। इन गेमिंग जोन को बंद करा दिया गया है। प्रवेश मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी। निरीक्षण के दौरान सभी अधिकारियों द्वारा गेमिंग जोन के संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वह सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रखें। क्षमता से अधिक व्यक्तियों को जोन में प्रवेश न दिया जाएं।

बिना फायर एनओसी चल रहे अस्पतालों पर भी होगी कार्रवाई
अग्निशमन विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग को बिना फायर एनओसी चल रहे 50 अस्पताल की लिस्ट सौंपी है। डिप्टी सीएमओ डॉ. चंदन सोनी का कहना है कि जांच के दौरान पता चला है कि फायर विभाग की ओर से जनवरी में निरीक्षण किया गया था। इसके बाद नौ अस्पतालों ने फायर उपकरण दुरुस्त कराते हुए एनओसी प्राप्त कर ली है। वहीं 17 अस्पतालों ने एनओसी के लिए आवेदन कर रखा है। बाकी बचे हुए 23 अस्पतालों की लिस्ट झोलाछाप और बिना पंजीकरण चल रहे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत डा. जैसलाल को सौंपी है। जिन अस्पतालों ने आवेदन कर रखा है। वहां भी निरीक्षण कर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। विभाग मानकों की भौतिक जांच करेगा। गड़बड़ी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग को लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति करेंगे। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा बिना फायर एनओसी चल रहे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देशत किया गया है। बता दें कि जिले के अधिकतर निजी अस्पतालों के लाइसेंस नवीनीकृत हो गए हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ इससे राहत मिलने वाली नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी आडिट शुरू होने वाला है। इनमें फेल होने पर लाइसेंस को खतरा हो सकता है।

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