योगी सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में 27 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. इन प्रस्तावों में सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्याक स्थानांतरण नियमावली 2024 भी शामिल है. कैबिनेट मीटिंग में शामिल यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव के मुताबिक सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज के शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर अहम फैसला हुआ है. उच्चतर शिक्षा विभाग हेतु नियमावली उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 को मंजूरी मिल गई है. महाविद्यालय में न्यूनतम तैनाती 5 साल से घटाकर 3 साल कर दी गई है. साथ ही यूपी की प्राइवेट यूनिवर्सिटी अधिनियम 2019 में संशोधन को हरी झंडी भी दे दी गई है.

यूपी में शिक्षकों के ट्रांसफर की ये होगी प्रक्रिया
नई नियमावली के तहत ट्रांसफ़र का आवेदन पत्र संबंधित डिग्री कॉलेज के मैनेजमेंट के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकेगा. जो संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा अप्रूव किया जाएगा. मैनेजमेंट की सहमति के बाद आवेदन को निदेशक, उच्च शिक्षा के पास भेजा जाएगा. इससे ट्रांसफर में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी. इसके साथ ही अनावश्यक देरी से भी मुक्ति मिल जाएगी.

महिला शिक्षकों को मिलेगा फायदा
शिक्षकों के ट्रांसफर की नई नियमावली के तहत यह प्रावधान भी किया गया है कि शिक्षक अपने संपूर्ण सेवा काल में केवल एक बार स्थानांतरण के हकदार होंगे. वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार की इस नई नीति का सीधा फायदा खासतौर पर महिला शिक्षकों को होगा.

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