Noida: गौतम बुध नगर की पुलिस ने उत्पीड़न करते हुए अपने ही वादे से मुकरते हुए 4 दिसंबर की रात में धरना प्रदर्शन कर रहे सुखबीर खलीफा एवं सोरन प्रधान सहित 15-20 किसानों को जेल भेज दिया। इसके अलावा किसान सभा के जिला महासचिव जगबीर नंबरदार जिला उपाध्यक्ष गवरी मुखिया को अन्य 10 लोगों के साथ रात में ही घर से पकड़ कर जेल भेज दिया। संयुक्त मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर पुलिस का कहर रात भर जारी रहा। उदल आर्य  के घर के गेट को तोड़ते हुए उनकी पत्नी को भी थाने में ले जाकर बिठा दिया। यह जानकारी अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने दी है।

पूंजीपतियों की योगी सरकार
रुपेश वर्मा ने जारी बयान में कहा कि किसान दमन और उत्पीड़न से पीछे हटने वाले नहीं है। गौतम बुध नगर के किसान अपने नागरिक अधिकारों के प्रति जागरूक हैं। शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन नागरिकों का हक है। लेकिन योगी सरकार ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन का दमन करने की कोशिश करते हुए साबित कर दिया है कि पूरी तरह पूंजी पति परस्त एवं किसान विरोधी है।

50 सालों से नहीं मिला किसानों का हक
रुपेश वर्मा ने कहा कि जिन किसानों की जमीन पर नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना सिटी और इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहे हैं, उन्हें उनका हक पिछले 50 सालों से नहीं मिला है। उनके विकसित आबादी प्लाट अभी तक नहीं मिले हैं। प्राधिकरण के अफसर भ्रष्टाचार कर किसान के हिस्से की जमीन को भी खा गए हैं।

योगी सरकार की तानाशाही का जवाब देंगे जवाब
हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी 10 परसेंट के प्लाट नहीं दिए गए हैं। जिले में 3:50 लाख से अधिक किसान 10% के प्लाट की मांग से प्रभावित हैं। इसके बावजूद सरकार किसानों के दमन और उत्पीड़न पर लगी हुई है। 3 दिसंबर को दलित प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्ण  हवन कर रहे किसानों को पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। किसी भी कीमत पर किसान अपने मुद्दों से पीछे हटने वाले नहीं है। आज हजारों की संख्या में फिर से किसान जीरो प्वाइंट पर इकट्ठा होंगे। योगी सरकार की तानाशाही का जवाब बाबा साहब अंबेडकर के संविधान में दिए गए शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के माध्यम से देंगे।

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