ग्रेटर नोएडा में अपनी मांगों को लेकर किसानों का उग्र प्रदर्शन जारी है. इसी दौरान मेरठ की सरधना सीट से सपा विधायक अतुल प्रधान किसानों के समर्थन में पहुंचे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया है. सपा विधायकों अतुल प्रधान को पुलिस ने सिरसा कासना टोल प्लाजा पर रोक दिया. इस दौरान सपा विधायक के साथ कुछ गाड़ियों का काफिला भी मौजूद था. इस दौरान सपा विधायक अतुल प्रधान ने Now Noida से की Exclusive बात-

हाईपावर कमेटी बनाकर किया ठगने का काम- सपा विधायक
सपा विधायक अतुल प्रधान को पुलिस द्वारा रोके जाने पर कहा कि जब शासन-प्रशासन ने किसी चीज के ऊपर से आदेश आएं तो कई बार अधिकारी, चाहें गलत आदेश आ जाते हैं. तो उसको भी अधिकारी लोग मानते हैं लेकिन मेरा अपना ये कहना है कि प्रदेश में किसी में भी डीजी की पोस्ट सबसे बड़ी है पुलिस में और चीफ सेक्रेटरी प्रशासनिक मशीनरी को चलाने वाला सबसे बड़ा अधिकारी है. तो आप देखिए दोनों लोग यहां आए हुए है. आप देखिए विडंबना कैसी है कि दोनों अधिकारी हैं और जो लोग आंदोलनकारी हैं. जिन लोगों ने सालों साल तक ये प्रोटेस्ट किया उनमें से किसी भी एक सदस्य को उन्होंने वहां पर नहीं बुलाया. तो आप बताइये कि बातें कौन किसानों की तरफ से रखेगा और किसकी ये बातें मानेंगे. मेरा आज मन ये था कि आज जब मैं मेरठ से चला था कि किसानों से जाकर हम लोग मिलें जेल में. किसानों से पूछे कि आने वाले समय में किस तरीके से आप इस आंदोलन को चलाना चाहते हो. चूंकि आंदोलन जो व्यक्ति चलाता है उसी के सपोर्ट के लिए हम लोग हैं. मान लीजिए जो लोग चुनकर आए हैं किसी विधानसभा क्षेत्र से मैं आस-पास यहां पर आता रहता हूं. किसानों को ये जो आंदोलन 10 फीसदी वाला चल रहा है. इस आंदोलन में मैं ना जाने कितनी बार आया और मैंने देखा कि आंदोलन तीन-चार महीने 120-130 दिन तक पिछले दिनों चला था. रात दिन किसानों ने वहां पर बैठकर अपनी एक तरीके से कुर्बानी दी. इन लोगों ने हाईपावर कमेटी के नाम पर ठगने का काम किया है. जो यहां के जनप्रतिनिधि हैं जिनके दिमाग में ये बात बस गई है कि तुम हारोगे नहीं लेकिन ये गलतफहमी में हैं. जब जनता मूड बना लेती है. तो आप किसी भी जगह पर हो, कैसी भी जगह पर हो. जनता हराने का काम भी करती है.

किसानों को समय देंगे तो पता चलेगी समस्या- सपा विधायक
सपा विधायक अतुल प्रधान ने इस सवाल कि जब चीफ सेक्रेटरी आ रहे हैं किसानों से बात करने तो विपक्ष का क्या काम? पर बोलते हुए कहा कि आप बताओ ये चीफ सेक्रेटरी किसी की जेब के थोड़ी ना हैं. ये जब यहां पर आ रहे हैं तो आप अगर आंदोलनकारियों की, विपक्ष का क्या मतलब है. हम लोग तो नहीं कह रहे कि हमसे मिल लो भाई. हमें जब मिलना होगा तो हम जाकर उनके ऑफिस में मिलेंगे या कोई बात होगी तो उनसे बात कर लेंगे. जो लोग आंदोलनकारी हैं जो लोग यहां पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं सालों साल से. जो लोग इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. अपनी कमेटी में या उनको समय नहीं दोगे आप तो आपको कई बातों का पता चलेगा ही नहीं. अभी तो जो यहां पर अथॉरिटी के लोग हैं जो जिस तरीके से आपको दिखाएंगे. उस तरीके से आपको चीजें समझ में आ जाएंगी. तो इसमें जो वहां पर आंदोलनकारी हैं उनमें से भी लोगों को बिठा कर और उनका पक्ष भी जानते तो तब जाकर मैं समझता हूं कि कुछ बातें वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आ जातीं.

“बड़ी पोस्ट पर बैठकर इस तरह की भाषा बोलना गलत”
डीएन को लेकर सपा विधायक अतुल प्रधान बोले कि डीएनए की बात वो लोग करते हैं जिनको अपने ऊपर विश्वास नहीं है. आप ये बताइये कि अगर आप किसी दूसरे के लिए डीएनए की बात कर रहे हो, तो आप अपना भी डीएनए चेक करा लीजिए. कि पता नहीं कैसा है कहां से चीजें आई होंगी. तो इसके लिए तो गलत बात है. इस तरीके की भाषा इस तरीके की चीजें किसी बड़ी पोस्ट पर बैठकर नहीं बोलनी चाहिए.

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